वाराणसी प्रधान डाकघर कैंट में घोटाले के एक वर्ष बाद रकम वापसी की जगी उम्मीद, विभागीय जांच पूरी
वाराणसी प्रधान डाकघर कैंट में घोटाले के एक वर्ष बाद पीडि़तों को उम्मीद जगी है क्योंकि विभाग उनसे क्लेम फार्म भरवाया जा रहा है ताकि गबन हुए रुपये उन्हें वापस किया जा सके।
वाराणसी, जेएनएन। प्रधान डाकघर, कैंट में पिछले साल 28 अगस्त 2019 को हुए करोड़ों के घोटाले के मामले में शुक्रवार को एक साल पूरा हो गए। जिस दिन ये मामला प्रकाश में आया उपभोक्ताओं के पैरों तले जमीन खिसक गई थी। 28 अगस्त को इस घोटाले का खुलासा तब हुआ था जब कई उपभोक्ता उस दिन डाकघर गए और तब उन्हें पता चला कि उनके खाते खाली हो चुके हैं। कुछ उपभोक्ताओं के खाते एकदम खाली हो चुके थे तो कुछ में थोड़े पैसे बचे रह गए थे। इस मामले में जबरदस्त हड़कंप मचा। ग्राहकों का रो- रोकर बुरा हाल हो गया था।काफी हंगामे के बीच इसकी उच्चस्तरीय जांच शुरू हुई जो अब भी जारी है। इसमें सीबीआई, ईडी और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) अपने-अपने स्तर से जांच कर रही हैं। मगर अब पीडि़तों को उम्मीद जगी है क्योंकि डाक विभाग द्वारा उनसे क्लेम फार्म भरवाया जा रहा है ताकि जिनके पैसे गबन हुए उन्हें वापस किया जा सके। इन दिनों डाकघर में उपभोक्ताओं के चेहरे पर पैसा वापसी की उम्मीद नजर आ रही है और वे फार्म भर रहे हैं।
पोस्टमास्टर से एजेंट तक घेरे में
इस महाघोटाले में विभाग के कई लोग शामिल पाए गए जिसमें पोस्टमास्टर से लेकर एजेंट तक घेरे में आए। अभी तक कुछ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, कुछ बेल लिए हुए हैं तो कुछ फरार चल रहे हैं जिन्हें पकडऩे के लिए पुलिस छापेमारी भी कर रही है। वैसे एक-दो आरोपियों ने कोर्ट में समर्पण भी किया है।
भराए जा रहे क्लेम फार्म
हालांकि पीडि़त सैकड़ों उपभोक्ताओं के लिए एक साल बाद डूबे हुए रुपए जल्द ही मिलने की उम्मीद जगी है। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल प्रणव कुमार ने बताया घोटाले की विभागीय जांच पूरी हो चुकी है। उपभोक्ताओं को रकम लौटाने के लिए उनसे क्लेम फार्म भरवाने का ऑर्डर दिया जा चुका है। पोस्टमास्टर जनरल ने कहा कि फिलहाल सीबीआई सहित अन्य एजेंसियां अपना काम कर रही हैं और उनकी जांच कब तक पूरी होगी यह कहना मुश्किल है।
15 सौ खाते, 14 करोड़ का गबन
लगभग 15 सौ खातों से तकरीबन 14 करोड़ रुपये का गबन हुआ। इसमें आरडी, एफडी, टीडी व पीपीएफ आदि खातों से पैसे गबन किए गए। घोटाले की जांच विभाग की जांच एजेंसी विजिलेंस एवं सीएलआई ने शुरू की। साथ ही सीबीआई, ईडी और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने भी केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की।
जांच के साथ बढ़ती गई धनराशि
शुरूआती दौर में एक करोड़ रुपये का गबन सामने आया मगर जैसे जैसे जांच होती चली गई ये राशि बढ़कर कई करोड़ हो गई। प्रधान डाकघर कैंट घोटाला मामले में कुल 13 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया है। इसमें दो डाक अधीक्षक, दो पोस्टमास्टर, आठ कर्मचारी और एक एजेंट शामिल हैं।