मधुमेह दिवस : खानपान में संयम व शरीर से हो स्नेह, व्यायाम से नियंत्रित होगा मधुमेह
आज की तारीख में भारत में ज्यादातर लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। ऐसे में सही खानपान, व्यायाम से इस बीमारी से बचा जा सकता है।
वाराणसी [वंदना सिंह] । आज की तारीख में भारत में ज्यादातर लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। लोगों की अनियमित जीवनशैली, गलत खान पान, व्यायाम न करने की आदत के कारण मधुमेह धीरे-धीरे सबको अपने कब्जे में ले रहा है। मधुमेह रोगी के लिए व्यायाम करना बहुत जरूरी होता है क्योंकि यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में सहायता करता है। व्यायाम करना सिर्फ मधुमेह के रोगी के लिए ही जरूरी नहीं होता है, बल्कि सभी को खुद को तंदुरुस्त रखने के लिए व्यायाम करना चाहिए। अगर व्यायाम करने के साथ-साथ आहार पर भी ध्यान दिया जाए तो बहुत सी बीमारियों से कुछ हद तक दूर रहा जा सकता है।
व्यायाम करने पर मासपेशियों का संकुचन होता है जिससे अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा का खपत होता है। इसलिए शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम जरूरी है। ग्लूकोज सहिष्णुता और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने के लिए हफ्ते में पांच दिन कसरत जरूर करना चाहिए। जो लोग मोटे होते है, या इन्सुलिन लेते हैं उन्हें रोज नियमानुसार व्यायाम करना चाहिए। चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय , वाराणसी के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के वैद्य डा. अजय कुमार ने बताया मधुमेह के नियंत्रण के तीन मूलमंत्र सही आहार, सही विहार, सही औषधि हैं। जब शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है तो पैंक्त्रियास (पाचक ग्रन्थि) से इंसुलिन निकलने लगता है। जो रक्त में उपस्थित शर्करा को तोड़कर ऊर्जा में परिवर्तित करता है और उत्पन्न उर्जा को शरीर के अंगों को क्त्रियाशील करने के काम में लाता है। व्यायाम से शरीर में संचित अतिरिक्त वसा की खपत होती है जिससे इंसुलिन की संवेदनशीलता उन्नत होती है। इससे ऊर्जा का भी स्तर बढ़ता है, जिससे कार्य करने की क्षमता भी बढ़ती है।
व्यायाम से लाभ : जब आप शारीरिक व्यायाम करते हैं, तो आपकी मासपेशियों को वह ग्लूकोज मिल जाता है जिसकी उन्हें जरुरत होती है और बदले में, आपके ब्लड शुगर का स्तर नीचे चला जाता है. व्यायाम के द्वारा डायबिटीज को नियंत्रण में रखना लम्बा और स्वस्थ जीवन जीने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
व्यायाम करने के लाभ : शारीरिक व्यायाम इंसुलिन संवेदनशीलता और ग्लूकोज मेटाबोलिज्म में वृद्धि करता है। डायबिटीज की मुख्य समस्या इंसुलिन असंवेदनशीलता या इंसुलिन प्रतिरोध ही है। व्यायाम करने से इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार कर सकते हैं। व्यायाम कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार लाता है। शारीरिक कसरत अच्छे प्रकार के कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को बढ़ाने और बुरे प्रकार के कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) और ट्राइग्लिसराइड को कम करने में मदद करता है। व्यायाम रक्तचाप को कम करता है। कई मधुमेह रोगियों में हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप भी होता है। कसरत करने से आराम करने के दौरान का रक्तचाप और आपके मेहनत करने के दौरान का रक्तचाप (शारीरिक कसरत सहित) दोनों कम हो सकते हैं। व्यायाम हृदय रोग और स्ट्रोक की संभावनाओं को कम करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मधुमेह एक तनावपूर्ण बीमारी है, कसरत करने से आपको मानसिक रूप से अच्छा महसूस करने में मदद मिलती है। व्यायाम आपके मनोदशा में सुधार कर सकता है। व्यायाम अवसाद में भी सुधार कर सकता है जो मधुमेह जैसी बीमारी का एकं बड़ा कारण भी होता है। व्यायाम वजन कम करने और कम वजन बनाए रखने में भी सहायता करता है। वजन कम करने से रक्तचाप, इन्सुलिन प्रतिरोध, ग्लूकोज का स्तर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर ठीक हो जाता है और यह सारे काम व्यायाम अकेले करता है। व्यायाम मधुमेह की जटिलताओं को कम करने में मदद करता है। यह ब्लड शुगर का बेहतर नियंत्रण एवं मधुमेह की गंभीर जटिलताओं को रोकने में मदद करता है, जिसमें अंधापन, न्यूरोपैथी और किडनी फेलियर शामिल है। ऐसे करें व्यायाम : सबसे जरूरी बात यह है कि कोई भी व्यायाम करने के पहले चिकित्सक से सलाह अवश्य लें। व्यायाम करने से बहुत अधिक लाभ मिलते हैं लेकिन इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे आपके ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करना आसान हो जाता है। शारीरिक कसरत आपके ब्लड में शुगर को सामान्य कर सकता है।
व्यायाम के रूप में निम्न क्रिया कलाप कर सकते हैं : जॉगिंग, सुबह तेज कदमों से चलना, तैरना, किसी भी खेल को 45 मिनटों तक खेलना, साइकिल चलाना, लंबी पैदल यात्रा आदि ।
व्यायाम करते समय सावधानी : मधुमेह रोगियों के लिए एक्सरसाइज बहुत ही फायदेमंद माना गया है फिर भी कुछ सावधानिया आवश्यक होती हैं। अगर इनका पालन नहीं किया जाए तो फायदे के बजाए नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर रक्त शर्करा स्तर विशेष रुप से टाइप वन मधुमेह के रोगियों में ठीक से कंट्रोल नही हो तो बहुत ज्यादा एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए। अत्यधिक इंसुलिन की कमी होने के कारण ग्लूकोज शरीर की कोशिकाओं को नहीं मिल पाता जिससे डायबिटिक कीटोएसिडोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर किसी रोगी का कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम स्टेबल न हो अर्थात ठीक से काम नहीं कर रहा हो तो भी अत्यधिक एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए। इससे हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। इंसुलिन के पिक टाइम में कभी भी एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए अर्थात इंसुलिन लेने के 3 से 6 घटे के बाद एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए। जिस हाथ से एक्सरसाइज कर रहे हों उस हाथ में इंसुलिन का इंजेक्शन नहीं लगाना चाहिए। एक्सरसाइज करते वक्त ध्यान रखना चाहिए कि पैरों में कोई घाव, फोड़े फुंसिया नहीं हों। एक्सरसाइज करते समय पैरों में जूते ठीक से पहनने चाहिए। व्यायाम के दौरान कार्बोहाइड्रेडयुक्त खाना अपने पास जरूर रखें ताकि हाइपोग्लिसेमिया की स्थिति उत्पन्न होने पर तुरंत कुछ खा सकें। व्यायाम करने के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पीना चाहिए। अगर किसी भी प्रकार का दर्द महसूस कर रहे हैं तो तुरंत व्यायाम करना बंद कर देना चाहिए।