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वाराणसी में उद्यमियों ने दिए सुझाव, बजट में मिले राहत तो एमएसएमई सेक्टर में आएगा उछाल

कोरोना के कहर एवं प्रलय ने सामाजिक जीवन एवं अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित करने के साथ-साथ इस सेक्टर को आइसीयू में ला दिया। ये बातें शनिवार को विनायका प्लाजा में इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी ने कही।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 05:25 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 05:26 PM (IST)
वाराणसी में उद्यमियों ने दिए सुझाव, बजट में मिले राहत तो एमएसएमई सेक्टर में आएगा उछाल
विनायका प्लाजा में इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की बैठक का आयोजन।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। देश में सूक्ष्म लघु मध्यम उद्योग अर्थव्यवस्था की रीढ़ के साथ-साथ रोजगार सृजन एवं राजस्व देने में अहम भूमिका का निर्वहन करता है। कोरोना महामारी के कहर एवं प्रलय ने सामाजिक जीवन एवं अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित करने के साथ-साथ इस सेक्टर को भी आईसीयू में ला दिया। ये बातें शनिवार को विनायका प्लाजा में इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी ने कही। कहा कि वित्त मंत्री के प्रयास एवं ध्यान की संजीवनी से यह सेक्टर किसी तरह पटरी पर आ रहा है इसके लिए पूर्वांचल का उद्योग व्यापार जगत ह्रदय से आपका आभारी है।

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बैठक में एक फरवरी 2022 को प्रस्तुत किए जाने वाले बजट में उद्यमियों की ओर से सुझाव दिए गए जिसे अमल में लाने से सूक्ष्म लघु मध्यम उद्योग एवं छोटे कारोबारी जिनकी संख्या पुरे देश में 20 करोड़ से अधिक है अपने-अपने व्यवसाय में राहत महसूस करेंगे, जिसका असर देश के विकास पर भी परिलक्षित होगा। इस दौरान डॉ. हेमंत गुप्ता, आर. के. चौधरी, उमा शंकर अग्रवाल, राजेश भाटिया, सुभाष पिपलानी, रतन कुमार सिंह, यू. आर. सिंह, अनुज डीडवानिया, सर्वेश अग्रवाल, जीतेन्द्र कुमार, आकाश दीप, हर्ष जैन, श्रीनारायण खेमका, शुभम अग्रवाल, राहुल मेहता, हर्षद तन्ना, बिपिन अग्रवाल, पंकज अग्रवाल, दीपक कुमार बजाज, संजय गुप्ता ओ. पी. बदलानी, नीरज पारीख आदि उद्यमियों ने विचार व्यक्त किया।

- पिछड़ा क्षेत्र घोषित- देश में प्रदेश एवं प्रदेश में पूर्वांचल अत्यधिक जनसख्या बहुल होने के साथ-साथ औद्योगिक संशाधनो से परिपूर्ण है परन्तु यहां पर उद्यमिता एवं कारोबार के सभी संशाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने बावजूद अपेक्षित विकास नही कर पाया है, इसको पूर्ण रूप से विकसीत करने के लिए पिछड़ा क्षेत्र घोषित करके देश के अन्य पिछड़े राज्यों की भाति सभी सहूलियत एवं रियायते देने से प्रदेश नही देश के विकास में पंख लग जायेगा।

- पेट्रोलियम पदार्थ- पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने से यह सेक्टर तेजी से विकास करेगा एवं आम जनता को भी राहत मिलेगी।

- ई- कॉमर्स व्यापार- देश में ई-कॉमर्स व्यापार से विदेशी कम्पनिया यहाँ के छोटे-छोटे कारोबारियों को खत्म करने की साजिस कर रही है इन कम्पनियों द्वारा 5000- 6000 करोड़ रूपये का घाटा देकर भी अपना व्यवसाय बढाना एक प्रश्न ही नही चिंता की बात है समय रहते इनपर तत्काल अंकुश लगा कर छोटे, खुदरा व्यापार को बचाना अति आवश्यक है जिससे देश का व्यापार बढेगा।

-   निर्यात को बढाने के लिए प्रोप्त्साहन की आवश्यकता- पूर्वांचल में 15 से ज्यादा जीआई उत्पाद के साथ-साथ यहां की उद्यमिता के कारण अधिक निर्यात की अपार संभावनाए है यह सेक्टर लैण्ड लॉक्ड एरिया होने के कारण यहां से निर्यात किये जाने वाले सामानों पर फ्रेड सब्सिडी दिए जाने से यहां निर्यात कई गुना बढ जायेगा। निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा पूर्व में दी गई सभी रियायते एक एक कर वापस ले ली गई, जैसे  एमइआइएस स्कीम तथा ब्याज में छुट इत्यादि। इससे पुनः बहाल करने से प्रदेश एवं देश का निर्यात और अधिक बढ जाएगा।

- आयकर- कॉर्पोरेट सेक्टर के समान आयकर की दरे पार्टनरशीप एवं प्रोपराइटरशीप पर लागू किया जाना न्याय संगत ही नही अपितु व्यवसाय को बढाने में मदद करेगा।

- जीएसटी -जीएसटी आर-1  की लेट फाईलिंग का नुकसान रेगुलर टाइम पर जीएसटी फाइल करने वाले उद्यमी को आईटीसी क्रेडिट नही मिलने के कारण उठाना पड़ रहा है, एवं कार्यशील पूंजी भी टैक्स के रूप में फस रही है, यह कही से भी न्यायसंगत नही है इसे पूर्व की भाति किये जाने से रेगुलर जीएसटी फाइल करने वाले उद्यमी का मनोबल बना रहेगा तथा कार्यशील पूंजी नही फसेगी।

- एमएसएमई को आज बड़े उद्योगों के समक्ष प्रतिस्पर्था में टिके रहने हेतु पूर्व में एक्साइज ड्यूटी में छुट के समान ही जीएसटी में कोई प्राविधान करने की आवश्यकता है, जिससे हर सेक्टर का तीव्र विकास रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण होगा।

- पूर्वांचल के हम सभी उद्यमियों को पूर्ण विश्वास है कि आगामी बजट में उपरोक्त सुझावों के आधार पर सहनुभुतिवर्धक विचार कर इनके संवर्धन हेतु आवश्यक प्राविधान करेगी।

-  ईंट उद्योग – एक अप्रैल -2022 से  ईट पर 5 फीसदी से बढाकर 12 फीसद जीएसटी लागू करने का प्राविधान किया जा रहा है कृपया इसे लागू नही किया जाए।


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