प्रधान डाकघर वाराणसी कैंट में एक करोड़ का गबन, दो डाक सहायकों को किया सस्पेंड
कैंट स्थित प्रधान डाकघर में एक करोड़ रुपये से अधिक का गबन का मामला प्रकाश में आया है। डाक अधीक्षक ने विभागीय दो डाक सहायकों को निलंबित कर दिया।
वाराणसी, जेएनएन। कैंट स्थित प्रधान डाकघर में एक करोड़ रुपये से अधिक का गबन का मामला प्रकाश में आया है। इस प्रकरण में बुधवार को डाक अधीक्षक ने विभागीय दो डाक सहायकों को निलंबित कर दिया। अब खुद समूचे प्रकरण की जांच कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर 50 से अधिक जमाकर्ताओं ने प्रधान डाक घर में घुसकर जमकर हंगामा किया। इस दौरान आक्रोशित लोगों ने विभाग के खिलाफ नारेबाजी भी की। उसके बाद जमाकर्ता कैंट थाने पहुंचे और डाक विभाग के खिलाफ तहरीर दी।
दरअसल कुछ जमाकर्ता बुधवार को जब रुपये निकालने गए तो पासबुक में कुछ रुपये ही दिखाई पड़े। ऐसे में उनके होश उड़ गए। धीरे-धीरे कई लोग एकत्र हो गए तो बात खुलने लगी। लगभग सभी के साथ ऐसा ही हुआ तो लोग आक्रोशित हो गए और काउंटर के सामने ही नारेबाजी करने लगे। बात डाक अधीक्षक तक जा पहुंची। फौरी तौर पर जब उन्होंने जांच की तो मामला एक करोड़ से अधिक का गबन समझ में आया। ऐसे में उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए दो डाक सहायकों को निलंबित कर दिया और ग्राहकों को समझाने लगे। लेकिन, उग्र ग्राहक बहुत देर तक वहीं नारेबाजी करते रहे।
अब बेटी की शादी कैसे होगी
पांडेयपुर की सपना केशरी ने बताया कि कुछ समय के बाद उनकी बेटी का शादी होने वाली है। उसके कुछ सामानों की खरीदारी करने के लिए वह बुधवार को प्रधान डाकघर कैंट से पैसा निकालने आई थी। काउंटर पर पता चला कि उनकेखाते में आठ लाख रुपये की जगह महज कुछ हजार रुपये जमा है।
लाखों जमा थे, अब सैकड़ों में हैं
डीआइजी कालोनी की अमिता सिंह को जब पैसा निकलने पहुंची तो उनको बताया गया कि उनके खाते में 17 लाख रुपये के जगह कुछ सौ रुपये है। सदर बाजार की विमला देवी ने बताया कि उनके खाते में पांच लाख रुपये थे, आज कुछ सौ रुपये बचे हैं।
कुछ के खाते में हजार तो किसी में पांच सौ ही बचे
टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी के 20 लाख रुपये की जगह कुछ हजार, पांडेयपुर के राजकुमार केशरी के आठ लाख रुपये के बदले कुछ सौ रुपये, शिवपुर के संजय राय, राम मोहन राय, निधि राय और धनंजय राय के 11 लाख रुपये के स्थान पर मात्र कुछ हजार रुपये, पांडेयपुर के ओम प्रकाश केशरी के नौ लाख रुपये के स्थान पर कुछ सौ रुपये, मिंट हाउस की बीना कुमारी जायसवाल के 14 लाख रुपये के स्थान पर कुछ सौ रुपये, नदेसर के अजय थापा के 6.30 लाख रुपये के बदले कुछ सौ रुपये, पहडिय़ा के सचिन राय के तीन लाख रुपये जमा थे, कम्प्यूटर दिखा रहा था कुछ सौ रुपये। पांडेयपुर की फूलमती के छह लाख 75 हजार और नदेसर के लल्लन सिंह के पांच लाख 16 हजार रुपये मात्र कुछ सौ रुपये में बदल गए।
छोटे ग्राहक भी हुए गबन के शिकार
वहीं ऐसे खाताधारक भी थे जिनके 50 हजार से एक लाख रुपये जमा थे, वे भी कुछ सौ रुपये में बदल गए। यहां तक की गीता नगर कालोनी के 10 हजार रुपये तक लापता मिला। सभी खाताधारकों का यही कहना था कि हमने तो भारत सरकार के डाक विभाग में पैसा जमा किया है, हमें अपना रुपया वापस चाहिए।
सभी ने की लिखित शिकायत
दो घंटे तक अधिकारियों के पास दौडऩे पर उनसे कहा गया कि वह अपने-अपने प्रार्थना पत्र दे, यह सुनकर जमाकर्ता भड़क गए। थोडी ही देर बाद डाक अधीक्षक ने सभी पीडि़तों से कहा कि वह अपनी शिकायत लिख कर देंगे तभी तो वह कोई कार्रवाई करेंगे। उसके बाद सभी ने उनको शिकायत पत्र दिया। अंत में गबन के शिकार हो चुके सभी ग्राहक कैंट थाने पर जा धमके। सभी ने गबन की शिकायत की।
दोषी को बख्शा नहीं जाएगा
डाक अधीक्षक (पश्चिम) पीआर सरोज ने बताया कि उन्होंने घटना संज्ञान में है। प्रथम दृष्टया मामला गबन का प्रतीत हो रहा है। ऐसे में कार्रवाई के तहत दो डाक सहायकों को निलंबित कर दिया गया है। अभी मामले की जांच की जा रही है। किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।
बरतें यह सावधानियां
-डाक घर में किसी भी योजना के तहत खुद पैसा जमा करना चाहिए।
-जमा धनराशि की रसीद अवश्य लें।
-एजेंटों के माध्यम से पैसा जमा करने पर ही होता है घोटाला।
-महीने में एक बार यह अवश्य देखें कि पास बुक में अंकित पैसा डाकघर का कम्प्यूटर में दिखा रहा है या नहीं।