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अम्मा झरिया जंगल में हाथियों के झुंड से गांवों में दहशत, सात दिनों तक उत्पात मचाने से परेशान ग्रामीण कर रहे रतजगा

हाथियों का झुंड जनपद की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ के अम्मा झरिया जंगल में है लेकिन ग्रामीणों को डर है कि हाथियों का झुंड कभी भी वापस आ सकता है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 06:45 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 08:00 AM (IST)
अम्मा झरिया जंगल में हाथियों के झुंड से गांवों में दहशत, सात दिनों तक उत्पात मचाने से परेशान ग्रामीण कर रहे रतजगा
अम्मा झरिया जंगल में हाथियों के झुंड से गांवों में दहशत, सात दिनों तक उत्पात मचाने से परेशान ग्रामीण कर रहे रतजगा

सोनभद्र, जेएनएन। जिले के बभनी थाना क्षेत्र के पांच गांवों में हाथियों के उत्पात का खौफ बरकरार है। सात दिनों तक उत्पात मचाने के बाद हाथियों का झुंड जनपद की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ के अम्मा झरिया जंगल में है लेकिन ग्रामीणों को डर है कि हाथियों का झुंड कभी भी वापस आ सकता है। इसकी वजह से ग्रामीण रतजगा कर अपने घर व परिवार के सदस्यों की सुरक्षा कर रहे हैं।  

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छतीसगढ़ सीमा से सटे गांवों में विगत एक सप्ताह से उत्पात मचा रहे हाथियों के झुंड ने रम्पाकुरर, मगरमांड, करमघट्टी, डूमरहर व नवाटोला गांव के दर्जनों गरीबों का आशियाना उजाड़ दिया है। दो चरवाहों को भी पटक कर घायल कर दिया था। रात के अंधेरे में ग्रामीणों का घर को उजाड़े जाने से लोगों में दहशत फैल गई है। हालांकि शनिवार को हाथियों का झुंड छत्तीसगढ़ सीमा में स्थित अम्मा झरिया गांव में देखा गया, जो जनपद की सीमा से महज दो किमी दूर है। ग्रामीणों को यह डर सता रहा है कि हाथी कभी भी पलट सकते है।

यही वजह है कि ग्रामीण वन विभाग के अधिकारियों से यह बार-बार कह रहे है कि छत्तीसगढ़ राज्य के वन अधिकारियों से संपर्क कर हाथियों के झुंड को जनपद की सीमा से दूर खदेड़ दिया जाए ताकि वे रात में सुकून से नींद ले सके लेकिन वन विभाग के अधिकारी भी कान में तेल डाले बैठे है। ग्रामीण कामेश्वर, मान सिंह, उदर शाह, मंधारी, हुबलाल, बालगोविंद, अनुराग व सुखनारायण का कहना है कि वन विभाग के अफसरों की लापरवाही से तंग आकर वे मुख्यमंत्री से इस मामले में पहल करने व पीडि़त परिवारों को मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है। हाथियों से ग्रामीण इस कदर दहशत में है कि रतजगा कर रहे। टायर जलाकर, पटाखे छोड़कर हाथियों को गांव में घुसने से रोकने की पहल भी की जा रही है। 


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