मिर्जामुराद में होगा इलेक्ट्रानिक बसों का चार्जिंग प्वांइट, प्रशासन ने दी 0.635 हेक्टेयर जमीन
इलेक्ट्रानिक बसों को चार्ज करने के लिए मिर्जामुराद में 50 चार्जिंग प्वाइंट बनाया जाएगा। जलनिगम की सीएंडडीएस ने 18 करोड़ रुपये का डीपीआर तैयार किया है।
वाराणसी, जेएनएन। शहर को वायु प्रदूषण से बचाने और इलेक्ट्रानिक बसों को चलाने का सपना जल्द साकार होगा। शासन ने प्रदेश के 14 शहरों में 700 इलेक्ट्रानिक बसें दी हैं जिसमें 50 बसें बनारस को मिलीं हैं। इन बसों को चार्ज करने के लिए मिर्जामुराद में 50 चार्जिंग प्वाइंट बनाया जाएगा। इसके लिए जलनिगम की सीएंडडीएस ने 18 करोड़ रुपये का डीपीआर तैयार किया है। इसे शासन से मंजूरी भी मिल चुकी है। अब, धन मिलते ही कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस काम शुरू कर देगा। चार्जिंग स्टेशन के लिए जिला प्रशासन से परिवहन निगम को .635 हेक्टेयर जमीन भी मिल गई है।
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) शहर की आबोहवा दूषित होने पर आपत्ति जताते हुए कई विभागों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है। इस कड़ी में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड विभिन्न विभागों को जुर्माना कर नोटिस जारी कर रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रोडवेज बसों से निकलने वाले धुएं से भी शहर की आबोहवा बिगडऩे की बात कही है। इसको देखते हुए इलेक्ट्रानिक बसें चलाने का निर्णय लिया गया है। पहले शासन ने बनारस को 100 बसें देने की योजना बनाई थी लेकिन चार्जिंग प्वाइंट की समस्या के चलते पहले चरण में 50 बसें ही मिलेंगी। वहीं, जिला प्रशासन ने मिर्जामुराद के गौरा मधुकर शाहपुर में .635 हेक्टेयर जमीन वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड को उपलब्ध कराया है।
18 करोड़ रुपये का डीपीआर बनाया
चार्जिंग प्वाइंट के लिए सबसे बड़ी समस्या जमीन की थी। जिला प्रशासन ने जमीन उपलब्ध करा दी है। कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस ने करीब 18 करोड़ रुपये का डीपीआर बनाया है। शासन ने बजट स्वीकृत कर दिया है। धन मिलते ही कार्यदायी संस्था काम शुरू कर देगी। कोशिश है कि अगले माह में काम शुरू हो जाए।
-एसके राय, क्षेत्रीय प्रबंधक, राज्य सड़क परिवहन निगम।