बुनकरों व किसानों का बिजली बिल हो माफ, कांग्रेस ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंधक से की मांग
कांग्रेसजनों ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंधक से बुनकरों कमजोर व्यापारियों किसानों आदि का न्यूनतम चार्ज व ब्याज माफ करने की मांग की है।
वाराणसी, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना के चपेट में पूरा विश्व है। ऐसे में विद्युत संबंधित समस्याओं के संदर्भ में कांग्रेसजनों ने गुरुवार को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंधक के. बालाजी से मुलाकात की। इस दौरान बुनकरों, कमजोर व्यापारियों, किसानों आदि का न्यूनतम चार्ज व ब्याज माफ करने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री अजय राय कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में ऐसे लोगों पर जीविका का संकट गहरा गया है। ऐसे में उनको बिजली बिन देना संभव नहीं हो पा रहा है। स्मार्ट मीटर रीडिंग में तमाम तरह की गड़बडिय़ां हो रही हैं जिसका सीधा असर आम जनमानस पर पड़ रहा है। इसे जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए। प्रतिनिधिमंडल में महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, मनीष मोरोलिया, रमजान अली, चंचल शर्मा, रोहित दुबे, परवेज खान आदि शामिल थे।
बुनकरों ने पीएमओ में दिया ज्ञापन
फ्लैट विद्युत दर को लेकर लामबंद हुए बुनकरों ने सप्ताहव्यापी सांकेतिक हड़ताल के क्रम में दूसरे दिन पीएमओ कार्यालय में ज्ञापन दिया। बुनकरों का आरोप है कि फ्लैट दर समाप्त होने के बाद न सिर्फ विद्युत बिल में अनियमितता आ रही है, बल्कि पिछले छह माह से बिल जमा भी नहीं हो रहा है। बताया कोरोना के कारण दुनिया में ख्यात बनारसी वस्त्र उद्योग पहले से ही बेहाल है। न नए आर्डर मिल रहे हैं और न ही पुराने उत्पाद का भुगतान हुआ है। बाजार की हालत इतनी खस्ता है कि बुनकर कारखाना शुरू करने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहे हैं। चीन व बांग्लादेश की टेक्सटाइल इंडस्ट्री हावी है। उनसे मुकाबला करते हुए अनलॉक के बाद कम पूंजी में कारोबार शुरू करने में अब विद्युत बिल भी बड़ी बाधा बन रही है। इसलिए सरकार से मांग है कि पुरानी व्यवस्था को बहाल किया जाए। ज्ञात हो कि फ्लैट विद्युत दर को लेकर बुनकर महासभा उप्र सहित बुनकर तंजीमों ने एक जुलाई से सप्ताह के सांकेतिक हड़ताल की घोषणा की है।
जब एसपीजी हटाया तो क्यों नहीं खाली कराया मकान
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व पूर्वी उप्र की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा को मकान खाली कराने के लिए दी गई नोटिस कार्यकर्ताओं की नाराजगी का कारण बन गई है। इसे लेकर गुरुवार को बनारस में भी विरोध के स्वर उठे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि कोरोना काल में जब निजी मकान किरायेदारों से भी मकान खाली नहीं कराने के लिए सरकार के निर्देश हैं, तब सरकार कांग्रेस महासचिव से घर खाली करा रही है। यह आदेश नवंबर में एसपीजी सुरक्षा हटाने के साथ ही होना चाहिए था, लेकिन अब कोविड-19 संक्रमण काल में इसलिए हुआ कि वे देश की सीमा में चीनी घुसपैठ पर गुमराह करने तथा जनविरोधी पेट्रोल-डीजल मूल्य वृद्धि तक के मुद्दों पर सरकार पर सवाल उठा रही हैं। पूर्व सांसद डा. राजेश मिश्र ने कहा कि भाजपा सरकार को आलोचना सुनने की आदत नहीं है। विरोध करने वालों पर दबाव बनाना उसकी पुरानी फितरत है। सरकार के इस कदम का हम कांग्रेसजन विरोध करते हुए निंदा कर रहे हैं।