वाराणसी-फैजाबाद रेल प्रखंड पर दो-तीन दिनों में दौड़ेगी इलेक्ट्रिक ट्रेन
जौनपुर में वाराणसी-फैजाबाद रेल प्रखंड पर इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने से पहले निरीक्षण व खेतासराय में कंट्रोल रूम का उद्घाटन बुधवार को रेल संरक्षा आयुक्त ने किया।
जौनपुर (जेएनएन) : वाराणसी-फैजाबाद रेल प्रखंड पर इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने से पहले निरीक्षण व खेतासराय में कंट्रोल रूम का उद्घाटन करने आए रेल संरक्षा आयुक्त शैलेश कुमार पाठक ने बुधवार को कहा कि इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने के लिए निरीक्षण कर लिया गया है। सब कुछ ठीक-ठाक है। अगले दो-तीन दिनों में इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने से डीजल में बचत होगी। जिससे हमारी विदेशों पर निर्भरता कम होगी।
शैलेश कुमार पाठक सुबह जौनपुर जंक्शन से होते हुए खेतासराय स्टेशन पर पहुंचे। यहा मुख्य परियोजना निदेशक सुधाशु कृष्ण दुबे, मंडल रेल प्रबंधक उत्तर रेलवे सतीश कुमार के साथ चेक लिस्ट लेकर रेल पथ व इलेक्ट्रिकल विभाग के संबंधित अधिकारियों से बारी-बारी जानकारी ली। कुछ बिंदुओं पर खामियां मिलने पर क र्मियों से नाराजगी जताई फिर रेल संरक्षा आयुक्त व डीआरएम ट्राली पर सवार होकर के खेतासराय इलेक्ट्रिक कंट्रोल रूम पहुंचे। जहा पर बारीकी से निरीक्षण किया। कंट्रोल रूम में मेडिकल सुविधाएं भी परखी। इस दौरान जरूरी सुझाव भी दिए। इसके बाद रेल विभाग के अधिकारियों ने पूजा अर्चना कर कंट्रोल रूम का उद्घाटन किया। रेल संरक्षा आयुक्त ने कहा कि इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने के लिए निरीक्षण कर लिया गया है। सब कुछ ठीक-ठाक है। अगले दो-तीन दिनों में इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने से डीजल में बचत होगी, जिससे हमारी विदेशों पर निर्भरता कम होगी।
रेल संरक्षा आयुक्त शैलेश कुमार पाठक ने कहा कि रेल महकमे में 14. 50 लाख कर्मचारी काम करते हैं। सबको त्रिकाल दृष्टि से नहीं देखा जा सकता है। रेल हादसे ह्यूमन फेल्योर के चलते हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह में एक किलोमीटर की भीतर दो बार रेल ट्रैक टूटना दुर्भाग्यपूर्ण है और इसे विभागीय कर्मचारियों की लापरवाही कहा जाएगा।
मीडिया से बातचीत में रेल संरक्षा आयुक्त ने कहा कि रायबरेली ट्रेन हादसे की जाच अभी अधूरी है, जब तक पूरी नहीं हो जाती है कुछ बोलना ठीक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पटरी की गड़बड़ी नहीं, बल्कि कर्मचारियों की अनदेखी कही जाएगी, जिसके चलते बार-बार यह समस्या हो रही है। उन्होंने कहा पहले की अपेक्षा दो साल में रेल हादसे काफी कम हुए हैं। नई-नई तकनीकी का प्रयोग किया जा रहा है, ताकि जल्द से जल्द रेलवे को और बेहतर बनाया जा सके।