ईद मिलादुन्नबी की खुशी से सराबोर शहर का गोशा-गोशा, रातभर चलता रहा नातिया मुकाबलों का दौर, उलमा-ए-कराम ने की तकरीर
पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद (सल्ल.) के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को शहर में कई स्थानों पर जलसे आयोजित हुए।
वाराणसी, जेएनएन। पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद (सल्ल.) के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को शहर में कई स्थानों पर जलसे आयोजित हुए। रातभर जहां नातिया कलाम गूंजते रहे, वहीं उलमा-ए-कराम ने तकरीर कर अमनो-आमन व सौहाद्र्र कायम रखने की नसीहत दी।
मरकजी यौमुन्नबी कमेटी बनारस की ओर से रात नौ बजे सराय हड़हा मैदान से जुलूस निकाला गया। कदीमी रास्तों को तय करता हुआ जुलूस बेनियाबाग पहुंचकर समाप्त हुआ। शहर में आयोजित जलसों में उलमा-ए-कराम ने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम सारी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए थे। उन्होंने लड़कियों को अल्लाह की रहमत बताया। यतीमों, विधवाओं और गुलामों को सम्मानित स्थान दिलाया। दास प्रथा को खत्म किया। पुरुष व महिला दोनों की शिक्षा को फर्ज बताया। कहा जो इस्लाम बेकार में पानी न बहाने की शिक्षा देता है, वह भला नाहक खून बहाने की इजाजत कैसे दे सकता है। साजिश के तहत इस्लाम को बदनाम किया जा रहा है। सब्र और अच्छे व्यवहार से ऐसे लोगों को माकूल जवाब दें। शरीअत अल्लाह का कानून है इसे बदलने का अधिकार इंसान को नहीं है। बेनियाबाग के मैदान में कारी साजिद रहमानी के तिलावते कलामपाक से नातिया मुकाबले का आगाज हुआ।
इस दौरान मौलाना जकीउल्लाह असदुल कादरी ने नबी-ए-करीम की सुन्नत पर अमल करने की ताकीद की। साथ ही मौजूदा हालात में अफवाहों पर ध्यान न देते हुए अमनो-आमान कायम रखने की अपील की। इसके बाद अंजुमनों की ओर से नातिया कलाम पेश करने का सिलसिला शुरू हुआ, जो देर रात तक चलता रहा। जनरल सेक्रेटरी जियाउद्दीन अहमद खान के मुताबिक नातिया मुकाबले में शहर की करीब 40 व प्रदेश भर की दस अंजुमन हिस्सा ले रहीं हैं। मुकाबले के विजेता रविवार को पुरस्कृत किए जाएंगे। उधर, रेवड़ी तालाब में आल इंडिया जमात रजा-ए-मुस्तफा व अर्दली बाजार में अंजुमन फैजाने नूरी की ओर से जलसा एवं नातिया मुशायरे का आयोजन किया गया।