Durga Puja and Dussehra 2020 : वाराणसी में मूर्ति विसर्जन में न ही बजेगा डीजे, न ही उड़ेगा अबीर-गुलाल
वाराणसी के डीएम ने कहा कि पूजा समितियों को पंडाल में प्रवेश और निकास की व्यवस्था अलग-अलग करना होगा। पंडाल चारों ओर से खुला नहीं होना चाहिए। मूर्ति विसर्जन के लिए छोटी गाड़ी यानी टाटा मैजिक का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
वाराणसी, जेएनएन। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि सार्वजनिक रूप से सड़कों और चौराहों पर कोई पंडाल नहीं लगेंगे। शासन की अेार तय साइज के पंडाल सड़क से हट कर लगाने की छूट होगी। कहा कि शासन ने कोरोना महामारी से सुरक्षित रहते हुए सीमित तरीके से त्योहार मनाने की अनुमति दी है। इसके अंतर्गत 15 गुणे 15 फीट की तीन चांदनी लगाए जा सकते हैं। खुली जगह पर एक समय में अधिकतम 100 से अधिक लोग इकटठा नहीं हो सकेंगे। कैंपस या बंद परिसर में अधिकतम 200 लोग रह सकेंगे। पांच फीट की ऊंची तथा पांच फीट तक की चौड़ी दुर्गा प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए छोटी गाड़ी यानी टाटा मैजिक का इस्तेमाल किया जा सकेगा। मूर्ति विसर्जन में अधिकतम 10 लोग शामिल होंगे। न डीजे बजेंगे, न अबीर गुलाल उडेंगे। नाच-गाना प्रतिबंधित रहेगा।
जिलाधिकारी कैंप कार्यालय पर बुधवार को दुर्गा पूजा समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। इस दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक भी मौजूद रहे। पदाधिकारियों को सबसे पहले कोविड-19 को देखते हुए शासन के दिशा-निर्देशों से अवगत कराया। कहा कि पूजा समितियों को पंडाल में प्रवेश और निकास की व्यवस्था अलग-अलग करना होगा। पंडाल चारों ओर से खुला नहीं होना चाहिए। प्रवेश द्वार पर स्कैनर से जांच करके ही अंदर जाने की छूट दी जाए। इसके साथ ही किसी बीमार व्यक्ति को प्रवेश न दिया जाए। समितियों को पंडाल में भीड़ नियंत्रित करने को वालंटियर रखना होगा। वालंटियर नेम प्लेट लगाकर ही सेवा देंगे। पंडाल में लाउडस्पीकर पर भजन संगीत के अलावा कोरोना से बचाव हेतु प्रसारण भी किया जाएगा। सार्वजनिक रूप से भोज आदि का कोई आयोजन प्रतिबंधित है। प्रसाद का वितरण पैकेट में किया जाएगा। कन्या भोजन केवल नौ लोगों से अधिक न कराएं। जिलाधिकारी ने सभी समितियों के पदाधिकारियों को कहा गया कि कल तक संबंधित थाने पर मूर्ति, कलश स्थापना का स्थल, क्षमता, विसर्जन की तिथि आदि की सूचना संबंधित थाने को लिखित रूप से उपलब्ध करा दें। विसर्जन का मार्ग तथा विसर्जन के पश्चात वापसी का मार्ग अलग-अलग निर्धारित किया जाएगा।