चंद्र ग्रहण के कारण वाराणसी में गंगा आरती का समय बदला, जानें कब होगी आरती Varanasi news
सूतक लगने के चलते गुरुपूर्णिमा पर दर्शन भी शाम चार बजे तक ही हो सकेगा। घाट पर होने वाली मां गंगा की आरती का समय भी आयोजकों ने चंद्र ग्रहण के लिए बदल दिया है।
वाराणसी, जेएनएन। आषाढ़ पूर्णिमा पर मंगलवार को गुरु दर्शन के अगले दिन सावन शुरू हो जाएगा। इस बार चंद्र ग्रहण के कारण गुरु दर्शन शाम तक ही होगा तो बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए भक्तों को इंतजार करना होगा। चंद्र ग्रहण 16 की रात 1.31 बजे लग रहा है जो 17 की भोर 4.30 बजे खत्म होगा। इससे बाबा की आरती दो घंटे विलंब से शुरू होगी और जलाभिषेक भी आरती के बाद ही संभव हो सकेगा। सूतक लगने के चलते गुरुपूर्णिमा पर दर्शन भी शाम चार बजे तक ही हो सकेगा। घाट पर होने वाली मां गंगा की आरती का समय भी आयोजकों ने चंद्र ग्रहण के लिए बदल दिया है। काशी में मंगलवार को गुरुपूर्णिमा व ग्रहण के कारण काफी भीड़ होगी।
मंगलवार को आरती होगी दोपहर तीन बजे : दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि व गंगोत्री सेवा समिति द्वारा आयोजित होने वाली सायंकालीन दैनिक मां गंगा की आरती सूतक काल के कारण प्रभावित होगी। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र के अनुसार सूतक काल के कारण मंगलवार को दोपहर तीन बजे से आरती प्रारम्भ होगी जो चार बजे तक संपन्न करा दी जाएगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण से पूर्व देवालयों के कपाट बंद होने की परंपरा है। जिसे देखते हुए दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध दैनिक मां गंगा की आरती का भी समय आयोजकों द्वारा परिवर्तित करते हुए दोपहर में कराया जाएगा। गंगोत्री सेवा समिति के अध्यक्ष बाबू महाराज के अनुसार 31 जनवरी 2018 को भी दिन में ही मां गंगा की आरती हो चुकी है।
गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण : इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी है। यह ग्रहण कुल 2 घंटे 59 मिनट का होगा। भारतीय समय के अनुसार चंद्र ग्रहण 16 जुलाई की रात 1 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगा और 17 जुलाई की सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर मोक्ष यानी समाप्त हो जाएगा। ग्रहण काल का मध्यकाल 17 जुलाई की सुबह 3 बजकर 1 मिनट होगा।