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Flyover Mishap in Varanasi : कैंट स्‍टेशन के सामने निर्माणाधीन फ्लाईओवर की शटरिंग गिरने से अफरा-तफरी, एक की हालत गंभीर

कैंट स्‍टेशन के सामने निर्माणाधीन फ्लाईओवर की शटरिंग गिरने से अफरातफरी मच गई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 04:18 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 08:43 PM (IST)
Flyover Mishap in Varanasi : कैंट स्‍टेशन के सामने निर्माणाधीन फ्लाईओवर की शटरिंग गिरने से अफरा-तफरी, एक की हालत गंभीर
Flyover Mishap in Varanasi : कैंट स्‍टेशन के सामने निर्माणाधीन फ्लाईओवर की शटरिंग गिरने से अफरा-तफरी, एक की हालत गंभीर

वाराणसी, जेएनएन। कैंट रेलवे स्‍टेशन के सामने निर्माणाधीन फ्लाईओवर की शटरिंग का एक बड़ा हिस्‍सा अचानक शाम को गिरने से अफरा-तफरी मच गई। घटना के बाद मचे भगदड़ में कुछ लोग मामूली तौर पर चोटिल भी हो गये, हालांकि एक की हालत अधिक गंभीर है। शुक्रवार की शाम करीब चार बजे अचानक निर्माणाधीन फ्लाईओवर की शटरिंग जमीन पर आ गिरी, इस दौरान एक व्‍यक्ति इसकी चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गया। घटनास्‍थल से महज चंद मिनट पहले गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत सपत्नीक श्री कृष्ण धर्मशाला से भारत माता मंदिर की तरफ जा रहे थे इस वजह से रास्‍ता क्लियर था अन्‍यथा भारी भीड़ की वजह से बड़ा हादसा हो सकता था।

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इससे पूर्व भी 16 मई वर्ष 2018 को इसी फ्लाईओवर की दो बीम भीड़ भरे क्षेत्र में गिरने से 15 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग गंभीर रूप से जख्‍मी हो गए थे। इस मामले में संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई भी की गई और जेल भी भेजे गए थे। हादसे के बाद भी प्रशासन से सबक नहीं लिया और शुक्रवार की शाम को एक बार फ‍िर से यह हादसा हो गया। हालांकि मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने आनन फानन जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। जल्‍द ही इस मामले में भी प्रशासनिक टीम जांच कर रिपोर्ट देगी, उसी आधार पर इस मामले में कार्रवाई तय की जाएगी। 

इस फ्लाईओवर के निर्माण में शुरुआत से ही कई बार बाधाएं आई और कई बार छोटे बड़े हादसे भी हुए। 16 मई को हुई घटना में भी सुरक्षा के व्‍यापक इंतजाम नहीं किए गए थे। इसके चलते एक बार पुन: शुक्रवार को हादसा हो गया। सेतु निर्माण की ओर सुरक्षा की दृ‍ष्टि से टीआरबी के जवानों की डयूटी लगाई गई लेकिन यातायात जारी ही रहा। मार्ग की सुरक्षा के लिए यहां पर सौ पद हैं लेकिन मौके पर मात्र 20-25 कर्मचारी ही तैनात रहते हैं।

फ्लाईओवर के नीचे वाहन संचालन के साथ ही दुकानें भी नियमित तौर पर लगी रहती हैं। वहीं निर्माण के दौरान लापरवाही के कारण ही हादसे हो रहे है। इस हादसे में हालांकि दो लोग ही घायल हैं, जिसमें एक ही हालत अधिक गंभीर है। हादसे के तुरंत बाद घायलों को अस्‍पताल पहुंचा दिया गया। मौके पर कई जनप्रतिनिधि भी पहुंचे और दुर्घटनास्‍थल का जायजा लिया। 16 मई 2018 को हुए हादसे के दोषी कई इंजीनियरों पर गाज गिरी है। हालांकि इसके बाद भी निर्माण लगातार लापरवाही पूर्ण तरीके से व धीमा काम होने से भी हादसे की संभावना लगातार बनी हुई है।

हादसे में गाजीपुर का युवक गंभीर रूप से घायल

कैंट रेलवे स्टेशन के सामने शुक्रवार की शाम निर्माणाधीन फ्लाइओवर की शटरिंग खुलकर गिर गई। सड़क पर गिरे मलबे की चपेट में आकर गाजीपुर का कुलदीप राय (35 वर्षीय) गंभीर रूप से जख्मी हो गया। उसके दाहिने पैर की हड्डी टूट गई। क्षेत्रीय लोगों ने आननफानन में उसे मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया। मौके पर पहुंचे सेतु निगम के महाप्रबंधक सुनील कुमार ने सहायक अभियंता को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है।

पूर्व के हादसे : वाराणसी-बाबतपुर फोरलेन निर्माण के दौरान तरना बाजार में बने आरओबी की भी शटरिंग चमांव गेट के पास 1 जून 2018 को अलसुबह चार बजे गिर गयी थी। उस समय आरओबी का निर्माण चल रहा था‚ हालांकि हादसा इतनी सुबह हुआ था कि उसमें कोई घायल नहीं हुआ था। मगर हादसे के दौरान सुरक्षा व्‍यवस्‍था की पोल खुल गई थी। 

हादसे से पहले ही कुंद हो चुकी रफ्तार

कैंट लहरतारा मार्ग पर बन रहे फ्लाइओवर हादसे के बाद निर्माण की रफ्तार लगातार कुंद पड़ती गई। 16 मई 2018 के हादसे के बाद काम करने वाले मजदूर भाग गए थे। मुख्य परियोजना प्रबंधक से लेकर अवर अभियंता तक पर गाज गिरने से अधिकारी भी तैनाती से बचते दिखे। मई में हुए हादसे के पांच माह बाद काम ने रफ्तार पकड़ी। जहां पूर्व में इस फ्लाइओवर को पुरानी डिजाइन  के मुताबिक मार्च 2020 में पूरा होना था। लेकिन बीम हादसे के बाद इसकी डिजाइन बदली गई और नई टाइमलाइन मार्च 2019 तय की गई। हालांकि फ्लाइओवर अपनी समय सीमा से काफी पीछे चल रहा है। सात माह बीत चुके हैं और फिलहाल स्टील बीम डालने का काम चल रहा है। मुख्यालय से लेकर स्थानीय अधिकारी पहले दिसंबर 2019 तक फ्लाइओवर निर्माण पूरा करने की बात कर रहे थे। वो बाद में काशी विद्यापीठ का 90 मीटर का हिस्सा छोड़कर लहरतारा से चौकाघाट तक फोरलेन को दिसंबर तक पूरा करने की बात कर रहे हैं। वहीं काशी विद्यापीठ तक बन रहे वाई-स्पैन को अप्रैल तक पूरा करने का दम भर रहे हैं। इस दौरान पुल की लागत भी काफी बढ़ती गई। जो फ्लाइओवर 130 करोड़ में तैयार होना था वो स्टील बीम लगने के फैसले के बाद 70 करोड़ बढ़कर 210 करोड़ हो गई।


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