कोरोना वायरस संक्रमण की मार से वाराणसी में पर्यटन उद्योग हो गया बेजार, होटल-ट्रैवेल्स पर संकट
कोरोना वायरस का सबसे पहले प्रभाव पर्यटन उद्योग पर पड़ा और सबसे आखिरी में खत्म भी होगा। वाराणसी में जनवरी माह से ही विदेशी ग्रुप कैंसिल होने शुरू हो गए थे।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना वायरस का सबसे पहले प्रभाव पर्यटन उद्योग पर पड़ा और सबसे आखिरी में खत्म भी होगा। जनवरी माह से ही विदेशी ग्रुप कैंसिल होने शुरू हो गए थे। उसके साथ होटल, गेस्ट हाउस और रेस्टोरेंटों में सियापा छाने लगा। पर्यटन से जुड़े विमान सेवाएं, टूरिस्ट गाइड और ट्रैवेल्स एजेंसी संचालकों की भी स्थिति काफी दयनीय है। ताला लटकने के साथ होटल प्रबंधन आॢथक संकट से जूझने के साथ कर्मचारी बेरोजगार होने लगे। पर्यटन उद्योग से जुड़े ज्यादातर कर्मचारी घर बैठ गए हैं या दूसरे रोजगार की तलाश में हैं। प्रबंधन खुद अपने कर्मचारियों को दूसरी नौकरी खोजने की सलाह देने के साथ सामान्य होने पर दोबारा रखने की बात कर रहा है।
लॉकडाउन के चलते होटल का कारोबार पूरी से ठप हो गया है। फिलहाल डेढ से दो साल तक स्थिति सामान्य होने की उम्मीद दिखाई नहीं पड़ रही है। लॉकडाउन खुलने के साथ होटल, गेस्ट हाउस और रेस्टोरेंट खुलते हैं तो उनका खर्च निकलना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को बस सरकार का सहारा है। 20 हजार करोड़ के पैकेट में पर्यटन उद्योग को 20 रुपये भी नहीं मिलने से पर्यटन से जुड़े लोग काफी दुखी है, उन्हेंं समझ में नहीं आ रहा है कि अपनी पीड़ा किससे कहें। होटल बंद होने के बाद भी बिजली, गृह, जल और सीवर कर समेत अन्य टैक्स देना है। इन सब टैक्स को सरकार माफ करने के साथ सरकार कोई पैकेज दे।
वाराणसी पर्यटन कारोबार की स्थिति
होटल-407
प्रभावित कारोबार-430 करोड़ सलाना
सीजन-अगस्त से फरवरी तक
वर्ष 2019 में आए पर्यटक
माह विदेशी भारतीय
जनवरी 40462 345402
फरवरी 40156 385626
मार्च 43362 378851
अप्रैल 35657 272584
तीन देश ज्यादा प्रभावित
जुलाई से सितंबर स्पेन, इटली और फ्रांस के लोग ज्यादा आते थे, यह तीनों देश पूरी तरह प्रभावित है, ऐसे में दो साल तक मान लिया जाए इन देशों के लोग भारत भ्रमण पर नहीं आएंगे।
हालात नहीं सुधरे तो बदलेंगे रोजगार
होटल मालिक हरीश नारायण सिंह का कहना है कि लॉकडाउन के साथ होटल खाली हो गए। गर्मी की छुट्टी के साथ लोग घूमने आते हैं लेकिन एडवांस बुकिंग लोगों ने कैंसिल करा दिया है। बाहर रहने वाले कर्मचारी अपने गाांव चले गए हैं, कब आएंगे यह मालूम नहीं। होटल बंद होने के बाद भी सरकारी देय हर माह बन रहा है। यदि सरकारी देय माफ नहीं किया गया तो होटल कोरोबारी दिवालिया हो जाएंगे। फिलहाल दो साल तक होटल कारोबार पटरी पर आता दिखाई नहीं पड़ रहा है। होटल मालिक वीरेंद्र दुबे का कहना है कि जल्द पर्यटन उद्योग नहीं सुधरा तो होटल का कारोबार बंद करने के साथ दूसरे पर विचार करना होगा।
गंगा घाटों पर सियापा
गर्मी शुरू होने के साथ विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी आती है लेकिन महाराष्ट्र, साउथ और श्रीलंका के पर्यटकों के आने का क्रम शुरू हो जाता है जिससे काफी हद तक होटल कारोबार संभला रहता है। सुबह और शाम गंगा घाटों पर पर्यटक दिखाई पड़ते हैं लेकिन लॉकडाउन के साथ सियापा छाया हुआ है।
कोरोना खत्म होने के छह माह बाद सुधरेंगे हालात
गार्वरमेंट एप्रुड टूरिस्ट गाइड्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. शैलेश त्रिपाठी का कहना है कि कोरोना का सबसे पहले प्रभाव पर्यटन उद्योग पर पड़ा है। कब खत्म होगो मालूम नहीं। 24 मार्च से लॉकडाउन जरूर हुआ लेकिन फरवरी से ही ग्रुप कैंसिल होने गले। जनवरी से मार्च तक पर्यटकों का विशेष आना होता है। जुलाई से अगस्त तक स्पेन, इटली के पर्यटकों की भीड़ होती है। पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी ने बताया कि भारत सरकारके 110 गाइड है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के 100। कोरोना वायरस महामारी खत्म होने के छह माह बाद ही स्थित सामान्य हो पाएगी। सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये में 20 रुपये भी पर्यटन उद्योग को नहीं दिया है।
कोरोना वायरस के चलते सबसे अधिक पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचा
पिछले साल जनवरी से जुलाई माह तक करीब 4.15 लाख बनारस में विदेशी पर्यटक आए थे। कोरोना वायरस के चलते सबसे अधिक पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचा है। कब हालात सुधरेंगे कुछ कहा नहीं जा सकता है। हालांकि अंतिम निर्णय सरकार को ही लेने हैं।
-कीर्तिमान श्रीवास्तव, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी।