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वाराणसी में सिर्फ चार घंटे ही खुलेंगी दवा की दुकानें, जानिए क्‍या है न्‍ाई गाइडलाइन

वाराणसी में दवा की दुकानें सिर्फ चार घंटे ही खुलेंगी। इसके तहत जिले की सभी फुटकर दुकानें सुबह 10 से अपराह्न दो बजे तक खुलेंगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 01:26 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 01:45 PM (IST)
वाराणसी में सिर्फ चार घंटे ही खुलेंगी दवा की दुकानें, जानिए क्‍या है न्‍ाई गाइडलाइन
वाराणसी में सिर्फ चार घंटे ही खुलेंगी दवा की दुकानें, जानिए क्‍या है न्‍ाई गाइडलाइन

वाराणसी, जेएनएन। सरकार द्वारा जारी 55 घंटे प्रतिबंध के बीच दवा की दुकानों को खोलने की भी गाइड लाइन जारी की गई है। केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज खन्ना एवं महामंत्री संदीप चतुर्वेदी ने संयुक्त के अनुसार जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि जिले में दवा की दुकानें सिर्फ चार घंटे खुलेंगी। इसके तहत जिले की सभी फुटकर दुकानें सुबह 10 से अपराह्न दो बजे तक खुलेंगी। वहीं थोक दवा की दुकानों का समय भी यही है, लेकिन जिनका शनिवार को टर्न होगा वहीं खोल सकते हैं। बताया कि ऑड-ईवेन का फार्मूला पहले की तरह जारी रहेगा। 

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प्रतिबंध को आगे बढ़ने की आशंका को लेकर बाजार में एक दिन पूर्व जुटी रही भीड़

कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए सरकार द्वारा जारी 55 घंटे प्रतिबंध को आगे बढऩे की आशंका को लेकर शुक्रवार को बाजार में काफी भीड़ रही। हालांकि शनिवार को बाजार में सन्नाटा रहा। सडक़ पर भी कम ही लोग दिखाई दिए। इससे पहले शुक्रवार को कई जगह तो इतनी भीड़ थी कि लोगों को कोरोना का भय ही नहीं दिख रहा था। शारीरिक दूरी का कोई ख्याल नहीं कर रहा था। हालांकि लोग मास्क जरूर लगाए हुए थे। ऑड-ईवेन के तहत सडक़ के दाएं व एक दिन बाएं दुकानें खुलने के कारण जिनका आज दिन था उन दुकानदारों की चांदी रही। थोक मंडी तो बंद थी, लेकिन खाद्य पदार्थों की फुटकर दुकानें खुली थी।

पहले से ही बंद चल रही है विश्वेश्वरगंज की थोक मंडी

लोग चावल, आटा, दाल, तेल, मसाले आदि सामान एक सप्ताह के लिए खरीद रहे थे। सबसे अधिक भीड़ खोजवां मंडी में देखी गई। कारण कि विश्वेश्वरगंज की थोक मंडी पहले से ही बंद चल रही है। यही नहीं लोग गली-मोहल्लों की दुकानों पर भी भीड़ रही। वहीं दुकानदार भी सरकार द्वारा जारी प्रतिबंध के फैसले का स्वागत कर रहे हैं। यहां पर कई संगठन पहले ही एक सप्ताह की बंदी की मांग कर चुके हैं। साथ ही यहां की तेल-घी व किराना मंडी तो पहले ही बंद हो चुकी है। यह फैसला दुकानदारों ने स्वेच्छा से ली थी।


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