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रुठी बारिश से पूर्वाचल में बन रहे हैं सूखे के हालात

वाराणसी सहित पूर्वाचल के सभी जिले बारिश न होने से सूखे की चपेट में आ गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 12:12 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 12:12 PM (IST)
रुठी बारिश से पूर्वाचल में बन रहे हैं सूखे के हालात
रुठी बारिश से पूर्वाचल में बन रहे हैं सूखे के हालात

वाराणसी : पूर्वाचल के बलिया, जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर, मऊ और आजमगढ़ आदि सर्वाधिक फसली उपज वाले जिलों में अब सूखे की स्थिति होने से संकट पैदा हो गया है। बारिश के प्रमुख महीनों में से आषाढ़ अब समाप्त होने को है। मौसम विभाग द्वारा बारिश के सामान्य पूर्वानुमान के बावजूद उप्र के हालात ठीक नहीं हैं। दो दर्जन से अधिक जिलों में सूखे के आसार हैं। ये वे जिले हैं जहा अब तक औसत की तुलना में 60 से 90 फीसद कम बारिश हुई है। 40 अन्य जिलों में भी हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। यहा औसत की तुलना में 20 से 59 फीसद कम बारिश हुई है। सिर्फ दर्जन भर जिले ही ऐसे हैं जहा औसत या इससे अधिक बारिश हुई है।

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औसत से कम बारिश के कारण धान की रोपाई प्रभावित हुई है। जिनके पास खुद के संसाधन नहीं हैं वे अब भी बारिश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इनमें सर्वाधिक संख्या सीमांत और लघु किसानों की है। अधिक आबादी और छोटी जोत के कारण ऐसे किसानों की सर्वाधिक संख्या पूर्वी उत्तर प्रदेश में हैं। किसान और विभाग दोनों इसकी पुष्टि कर रहे हैं।

आने वाले दिनों में अगर बारिश का रुख ऐसे ही बना रहा तो धान की ही फसल नहीं बल्कि सब्जियों के उत्पादन पर भी खासा असर पड़ेगा वहीं किसानों पर तो मौसम की चोट पड़ेगी ही मगर महंगाई का भी तड़का लगना तय है। हालांकि सूखे की आहट होते ही पूर्वाचल में सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी बीते दिनों से ही जारी है। ऐसे में सावन भी अगर सूखा बीत गया तो पूर्वाचल में सूखे की मार पड़नी तय है।

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कृषि निदेशक की किसानों को सलाह

- अगर नर्सरी में पौध उपलब्ध हों तो बासमती का रकबा बढ़ा दें।

- रोपाई में पौध की संख्या एक से बढ़ाकर दो कर दें।

- रोपाई के समय पौधों का एक तिहाई हिस्सा ऊपर से काट दें।

- खेत में नमी बनाए रखने के लिए हल्की सिंचाई करें।

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औसत से 60 से 95 फीसद कम बारिश वाले जिले

ललितपुर, महोबा, साहूजी महराजनगर, मैनपुरी, कानपुर देहात, औरैया, जालौन, फतेहपुर, रायबरेली, कौशांबी, जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर, बलिया, मऊ, आजमगढ़, देवरिया, कुशीनगर, बदायूं, रामपुर, गाजियाबाद और महराजगंज।

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वाराणसी में करीब 50 हजार हेक्टेयर में होती है धान की खेती

-बारिश के अभाव में दस फीसद किसान ही कर सके धान की रोपाई

-जल्द बारिश नहीं हुई तो 30 फीसद किसान नहीं कर सकेंगे धान की रोपाई

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बलिया में 1.35 लाख किसान बुरी तरह प्रभावित

-कृषि विभाग के अनुसार अब भी धान की रोपाई से ढाई लाख एकड़ खेत महरुम

-करीब 67 प्रतिशत धान की बेहन भी सूखने के कगार पर

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गाजीपुर में अब तक करीब तीन लाख किसान प्रभावित

-एक लाख 57 हजार हेक्टेयर के सापेक्ष सिर्फ 15 हेक्टेयर खेती योग्य भूमि पर धान की रोपाई

-15 जून से अभी तक मात्र 23 फीसद ही बारिश हुई

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आजमगढ़ में बारिश न होने से मक्का, तिलहन, अरहर की फसल की बोआई नहीं हो सकी

-60 फीसद के सापेक्ष 5 से 10 फीसद खरीफ फसल ही बोई गई

-बोआई न होने से परेशान किसान नर्सरी बचाने में जुटे

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मऊ जिले में खरीफ का कुल रकबा करीब 95000 हेक्टेयर

-91000 हेक्टेयर धान रोपाई का निर्धारित लक्ष्य प्रभावित

-सूखे के चलते खेतों में सूख रही धान की नर्सरी


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