वर्चुअल रियलिटी से साकार हो रहा है सपना, इंटीरियर डिजाइनर्स ले रहे हैं तकनीक की मदद
अपने घर की सजावट को लेकर लोगों में कई सपने होते हैं घर में पर्दे फर्नीचर रंग आदि की कल्पना को लोग इंटीरियर डिजाइनर से बताते थे।
वाराणसी, जेएनएन। अपने घर की सजावट को लेकर लोगों में कई सपने होते हैं। घर में पर्दे, फर्नीचर, रंग आदि की कल्पना को लोग इंटीरियर डिजाइनर से बताते थे। इसके बाद घर की बनावट व सजावट को लेकर काम शुरू होता था। मगर उनकी कल्पना हकीकत में उतर पाएगी इसे लेकर ग्राहक संशय में रहते थे। कभी यह सच होता तो कभी अधूरा रह जाता था। थ्री डी डिजाइन से कुछ हद तक समझ में आता था मगर ये भी कभी-कभी पैमाने पर खरा नहीं उतरता था। मगर वर्चुअल रियलिटी गैजेट की मदद से इंटीरियर डिजाइनर्स ऐसी व्यवस्था कर चुके हैं जिसमें अब क्लाइंट अपनी पसंद को बेहतर तरीके से समझ पाएगा और उनकी कल्पना पूरी हो सकती है। जी हां, इंटीरियर डिजाइनर्स वर्चुअल रियालिटी के जरिए विशेष चश्मे में क्लाइंट की पसंद को एक विशेष साफ्टवेयर व एप के जरिए प्ले कर इसे तैयार कर रहे हैं। अगर इसमें कुछ ठीक न लगे तो वह बदला जा सकता है और जब काम शुरू होगा तो यकीनन वही चीज उभरकर सामने आएगी जिसकी चाहत क्लाइंट को थी।
अब डिजाइनर्स कर रहे वर्चुअल रियालिटी गैजेट का प्रयोग
शुरूआत में गैजेट का उपयोग मनोरंजन में होता था मगर इसका दायरा बढ़ता जा रहा है। अब इसका उपयोग इंटीरियर डिजाइनिंग में होने लगा है। इसकी सटीक विजुअलाइजेशन की वजह से क्लाइंट अपने सपने वाले घर को एक तरह से सजीव देख पाता है। गैजेट को पहनकर देखने के बाद 360 डिग्री का विजुअल आपके सामने होगा।
पहले इंटीरियर डिजाइनर घर या रूम को लेकर प्लान बनाते थे। अब वर्चुअल रियालिटी के माध्यम से यह ट्रेंड एक स्टेप आगे आ चुका है। क्लाइंट को जिस कलर का पेंट चाहिए। फर्नीचर जिस स्थान पर चाहिए और उसकी डिजाइन, पर्दे की डिजाइन कुल मिलाकर रूम या फिर किचन की सजावट में जो चीज उन्हें चाहिए वह अब वर्चुअल रियालिटी के जरिए अनुभव किया जा सकता है।
डेमो दिखा क्लाइंट को करते हैं संतुष्ट
साफ्टवेयर में थ्री डी पर 360 डिग्री पर पैनोरोमिक व्यू बनाया जाता है। जिसमें कमरे का हर कोना दिखता है। सारी चीजें वी आर गैजेट यानी एक तरह के स्पेशल चश्मे में सेट कर दी जाती है। उन्हें दाएं, बाएं आदि देखने के लिए कहा जाता है। क्लाइंट को महसूस होता है कि वह अपने कमरे में पहुंच गया है और वह सारी चीजें जो उन्होंने इंटीरियर डिजाइनर्स से शेयर की थी वह नजर आ रही है। -अमित ढिंगरा, इंटीरियर डिजाइनर।
होती है थ्री डी आर्टिस्ट की जरूरत
वर्चुअल रियालिटी गैजेट का इस्तेमाल अब बहुत जगह किया जा रहा है। क्लाइंट इससे फील कर लेता है कि जैसा वह घर बनवाना चाहता है वैसा है या नहीं क्योंकि इससे बाद में होने वाले खर्च की बचत होती है। इसका खर्च अभी महंगा है क्योंकि डिटेल वर्क है इसमें उच्च क्षमता वाले कंप्यूटर की जरूरत होती है और एक अच्छे थ्री डी आर्टिस्ट की आवश्यकता होती है। -विजय वेद, मल्टीमीडिया एक्सपर्ट।