डा. संपूर्णानंद भारतीय वांगमय के अमूल्य निधि
जागरण संवाददाता, वाराणसी : पूर्व मुख्यमंत्री डा. संपूर्णानंद की 127वीं जयंती सोमवार को विभिन्न स
जागरण संवाददाता, वाराणसी : पूर्व मुख्यमंत्री डा. संपूर्णानंद की 127वीं जयंती सोमवार को विभिन्न संस्थाओं ने पूरे श्रद्धा के साथ मनाई । संगोष्ठी में वक्ताओं ने डा. संपूर्णानंद के कृतित्व व व्यक्तित्व पर चर्चा की।
कहा डा. संपूर्णानंद बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। वह शिक्षक, पत्रकार, लेखक, चिंतक व निर्भीक राजनीतिज्ञ थे। कुल मिलाकर डा. संपूर्णानंद भारतीय वांगमय के अमूल्य निधि हैं।
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित जयंती समारोह में मुख्य वक्ता काशी विद्यापीठ के एनटीपीसी परिसर के निदेशक प्रो. श्रद्धानंद ने कहा कि भारतीय संस्कृति व सभ्यता के प्रति डा. संपूर्णानंद के मन में अगाध श्रद्धा थी। संस्कृत साहित्य में समाहित ज्ञान वैभव की महत्ता को ध्यान में रखते हुए ही अपने मुख्यमंत्रित्व काल में इस संस्था को विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाया वर्तमान में डा. संपूर्णानंद की चिंतनधारा पर आधारित शिक्षा व्यवस्था की जरुरत है जो संस्कार से परिपूर्ण हो। अध्यक्षता कुलपति प्रो. यदुनाथ दुबे, स्वागत प्रो. व्यास मिश्र व पं. सुनील कुमार चौधरी, संचालन प्रो. शैलेश मिश्र व धन्यवाद ज्ञापन प्रो. आशुतोष मिश्र ने किया। कुलपति ने परिसर स्थित डा. संपूर्णानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण उन्हें नमन किया।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे डा. संपूर्णानंद
नागरी प्रचारिणी सभा में कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. अर्जुन तिवारी ने डा. संपूर्णानंद को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताया। कहा उन्होंने हमेशा मूल्यों की राजनीति की। दर्शन, विज्ञान, साहित्य, ज्योतिष सहित अन्य विषयों पर उनकी पकड़ थी। इस मौके पर प्रो. श्रद्धानंद, डा. राम अवतार पांडेय, डा. पवन कुमार शास्त्री सहित अन्य लोगों ने भी विचार व्यक्त किया। स्वागत सभाजीत शुक्ल, संचालन डा. जितेंद्र नाथ मिश्र व धन्यवाद ज्ञापन ब्रजेश चंद्र पांडेय ने किया।
राष्ट्रीय स्मारक घोषित हो आवास
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा व अखिल भारतीय कायस्थ मंच के तत्वावधान में तेलियाबाग स्थित पार्क में डा. संपूर्णानंद की जयंती मनाई गई। वक्ताओं ने जालपादेवी रोड स्थित डा. संपूर्णानंद के आवास को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग की। साथ ही मुख्यमंत्री से महापुरुषों की जयंती पर रद अवकाशों को बहाल करने का भी आग्रह किया। मुख्य रूप से विचार मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष गीता श्रीवास्तव, महासभा के राजनीतिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष उदय कुमार श्रीवास्तव, विशाल श्रीवास्तव, गंगा सहाय पांडेय, हरिशंकर पांडेय सहित अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किया। संचालन शशिकांत श्रीवास्तव व धन्यवाद ज्ञापन विकास श्रीवास्तव ने किया। इससे पहले हवन-पूजन भी किया गया।