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Dr. Prithvish Nag प्रधानमंत्री को देंगे curfew की भांति स्टेप बाई स्टेप कदम उठाने का सुझाव

लॉकडाउन की अवधि खत्म होने के बाद सरकार को कैसे स्टेप-बाई स्टेप कदम उठाना चाहिए इसकी तैयारी डा. पृथ्वीश नाग इन दिनों कर रहे हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 04:10 PM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 04:10 PM (IST)
Dr. Prithvish Nag प्रधानमंत्री को देंगे curfew की भांति स्टेप बाई स्टेप कदम उठाने का सुझाव
Dr. Prithvish Nag प्रधानमंत्री को देंगे curfew की भांति स्टेप बाई स्टेप कदम उठाने का सुझाव

वाराणसी, जेएनएन। राष्ट्रहित में कोरोना वायरस की कड़ी तोडऩे को लेकर जागरूक नगर के विशिष्टजन अपना अधिक से अधिक समय घर में बिता रहे हैैं। इस अवधि का उपयोग बेहतर कार्य में लगा रहे हैं। लॉकडाउन के मद्देनजर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पूर्व कुलपति व आइआइटी बीएचयू के विजिटिंग प्रोफेसर डा. पृथ्वीश नाग भी इन दिनों घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। इस समय वह सिर्फ किताबों के लेखन व वैश्विक महामारी के चिंतन में जुटे हुए हैं। घर बैठे वह लॉकडाउन खत्म होने के बाद का प्लान बनाने में जुटे हुए हैं।

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लॉकडाउन की अवधि खत्म होने के बाद सरकार को कैसे स्टेप-बाई स्टेप कदम उठाना चाहिए। वर्तमान हालात में लोगों को अचानक पूरी तरह से स्वतंत्रता नहीं दी जा सकती है। सरकार को कफ्र्यू की भांति स्टेप बाइ स्टेप कदम उठाना होगा। फिलहाल डा. इसका स्वरूप तय करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने चार स्टेप का प्लान बनाया है। हालांकि इसे अंतिम रूप शनिवार को सुबह तक देने का लक्ष्य रखा है। स्वयं संतुष्ट होने के बाद वह इस प्लान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व साइंस व टेक्नोलॉजी विभाग को मेल करने का निर्णय लिए हैं। लॉकडाउन में वह गंगा भौगोलिक एक सांस्कृतिक विरासत नामक किताब वह लगभग पूर्ण कर चुके हैं। अब जनसंख्या भूगोल नामक पुस्तक के लेखन का भी कार्य शुरू कर दिया है। फिलहाल लॉकडाउन खत्म होने के बाद लोगों को क्रमश: किस प्रकार राहत दी जाए इसे अंतिम रूप देने के लिए लैपटॉप पर जुटे हुए हैं। देररात काम करने की आदत होने के कारण सुबह जल्दी उठना नहीं होता है। फिर भी सुबह 6.30 बजे तक उठकर स्नान, ध्यान करने के बाद इन दिनों मोबाइल पर घंटा- दो घंटा रिश्तेदारों व शुभ चिंतकों से बात भी हो जा रही है। इस दौरान यह बताते की भी कोशिश रहती है कि वह एंटी सोशल नहीं हैं। समय के अभाव में बात नहीं कर पाते हैं।


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