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पीआइएल दाखिल कर डा. पंकज कई राज्यों में गुटखा करा चुके हैं प्रतिबंधित

टाटा मेमोरियल सेंटर मुंबई के सेंटर फॉर कैंसर एपिडिमियोलॉजी के डिप्टी डायरेक्टर डा. पंकज चतुर्वेदी से जागरण ने विशेष बातचीत की।

By Edited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 02:18 PM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 02:57 PM (IST)
पीआइएल दाखिल कर डा. पंकज कई राज्यों में गुटखा करा चुके हैं प्रतिबंधित
पीआइएल दाखिल कर डा. पंकज कई राज्यों में गुटखा करा चुके हैं प्रतिबंधित

वाराणसी, जेएनएन। मैं अकेला क्या कर सकता था। एक डाक्टर होने के नाते विषय का ज्ञान और जोश ही मेरे अस्त्र थे। मुंह व गले के कैंसर के मरीजों को रोजाना मरते देखता था। बच्चों को अनाथ व महिलाओं को विधवा होते देखना बहुत ही कष्टदायी था।' यह भावनाएं टाटा मेमोरियल सेंटर-मुंबई के सेंटर फॉर कैंसर एपिडिमियोलॉजी के डिप्टी डायरेक्टर डा. पंकज चतुर्वेदी ने जागरण संवाददाता से बातचीत में व्यक्त की। कैंसर के 50 फीसद मामलों का प्रमुख कारक तंबाकू, पान-मसाला का सेवन है। इसके लिए डा. पंकज ने लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ष 2010 में अभियान शुरू किया। सुप्रीम कोर्ट के साथ ही आठ राज्यों में पीआइएल दाखिल किया। सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्षा रखा और मध्य प्रदेश, बिहार, हिमांचल, महाराष्ट्र सहित पंजाब में इसे प्रतिबंधित कराया। वहंी अब समूचे देश में इसकी रोक के लिए प्रयासरत हैं।

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बच्चों को नहीं कर सकते प्रेरित : तंबाकू कंपनियां अब बच्चों को भी निशाना बनाने लगी हैं। उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए जुवेनाइल जस्टिस एक्ट बनाया गया है। भारत दुनिया का पहला देश है जहां बच्चों को तंबाकू बेचने पर साल साल जेल व एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।

बीमारी भी मालूम, कारक भी पता : बीएचयू से वर्ष 1995 में पीजी करने के बाद डा. पंकज टाटा सेंटर-मुंबई चले गए, जहां पहले उत्तर भारतीय के रूप में सेवा देना शुरू किया। डा. पंकज बताते हैं कि तंबाकू, पान-मसाला सेवन कैंसर के प्रमुख कारकों में से एक है, जिसकी गिरफ्त में समूचा उत्तर भारत है। दिक्कत ये है कि कैंसर के अधिकांश मामले आखिरी चरणों में डायग्नोस हो पाते हैं। यदि लोगों को जागरूक किया जाए और शुरूआती चरण में ही पहचान कर ली जाए, तो कैंसर का इलाज संभव है।

पीएम की प्रेरणा से उतारा -गुरु और माटी का कर्ज : बिहार, झारखंड व उत्तर प्रदेश की जनसंख्या में कैंसर की बीमारी अधिक व इलाज की सुविधा कम है। पं. मदन मोहन मालवीय कैंसर इंस्टीट्यूट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन था। प्रधानमंत्री ने इसे टाटा मुंबई से भी बेहतर बनाने की सलाह दी थी। मां-बाप के साथ ही जन्मभूमि व गुरु का कर्ज उतारना हर सपूत का फर्ज होता है। कैंसर सेंटर के जरिए मुझे अपनी माटी व अपने गुरु का कर्ज उतारने का मौका मिला।


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