Move to Jagran APP

बुरा मत टाइप करो, बुरा मत लाइक करो व बुरा मत साझा करो, BHU में गांधी पर्व का आयोजन

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म के 150 वर्ष पूरे होने पर देश भर के विशेषज्ञ बीएचयू के गांधी पर्व मेें ऑनलाइन जुटें। इस पर्व में तीन दिनों तक बापू के विचारों को प्रसारित करने पर विचार-संवाद गीत -संगीत एवं चित्रकला आदि का आयोजन होगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 01:11 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 09:31 AM (IST)
बुरा मत टाइप करो, बुरा मत लाइक करो व बुरा मत साझा करो, BHU में गांधी पर्व का आयोजन
राष्ट्रपिता के जन्म के 150 वर्ष पूरे होने पर देश भर के विशेषज्ञ बीएचयू के गांधी पर्व मेें ऑनलाइन जुटें।

वाराणसी, जेएनएन। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म के 150 वर्ष पूरे होने पर देश भर के विशेषज्ञ बुधवार को बीएचयू के गांधी पर्व मेें ऑनलाइन जुटें। इस पर्व में तीन दिनों तक बापू के विचारों को प्रसारित करने पर विचार-संवाद, गीत -संगीत एवं चित्रकला आदि का आयोजन होगा। इस दौरान मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. दिनेश सिंह ने कोरोनाकाल में गांधी जी की प्रासंगिकता पर चर्चा की। कहा, 1905 में दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग में जब प्लेग का प्रकोप था, तब 35 वर्षीय गांधी पत्‍नी व चार बच्चों के साथ वहीं पर रहते थे।

loksabha election banner

मैन ऑफ थॉट और मैन ऑफ एक्शन के कांबिनेशन के रूप में याद किए जाने वाले गांधी जी ने उस प्रकोप से लडऩे के लिए स्वयं सेवक दल का निर्माण किया और साथ ही उन लोगों को ही उस समूह का हिस्सा बनाया, जिन पर पूरा परिवार आश्रित न हो। प्रो. राकेश भटनागर ने कहा कि गांधी जी ने तमाम प्रताडऩा झेलने के बाद भी सत्य और अहिंसा का मार्ग नहीं छोड़ा। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे बड़े लड़ाके के रूप में गांधी जी ने अपने जीवन को ही संदेश बना दिया। वहीं भारतीय जनसंचार संस्थान, नयी दिल्ली के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि गांधीजी के जीवन के किसी भी एक पक्ष पर विचार रखने के लिए कोई एक वेबिनार, पत्रिका या एक पुस्तक काफी नहीं है।इस मौके पर उन्होंने गांधी जी के तीन महामंत्रों का वर्तमान की कसौटी पर रखते हुए कहा कि सोशल मीडिया के जमाने में बुरा मत टाइप करो, बुरा मत लाइक करो और बुरा मत शेयर करो। इस अवसर सरदार वल्लभ भाई पटेल छात्रावास की दीवारों पर बनें महात्मा गांधी के चित्रों की ऑनलाइन प्रदर्शनी भी की गई। छात्र अधिष्ठाता प्रोफेसर महेंद्र कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे समन्वयक डा. धीरेंद्र कुमार राय ने बताया कि गांधी 150वें वर्ष के अंतर्गत विश्वविद्यालय में बीते वर्ष विद्यार्थियों, शिक्षकों व कर्मचारियों ने बापू की पुण्य स्मृति और उनके विचारों का स्मरण किया। विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजन ईकाई द्वारा काशी से सेवाग्राम आश्रम, वर्धा तक की साइकिल यात्रा हो या राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के साथ बाल स्वराज कार्यक्रम कराया गया, इन सभी का उद्देश्य बापू के विचारों से नई पीढ़ी को रूबरू कराना था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.