वीरांगनाओं की नजर से नहीं बच पाएंगे घरेलू हिंसा करने वाले, मार्शल आर्ट का दिया जा रहा प्रशिक्षण
प्रदेश सरकार के प्रयास से बाल विकास विभाग द्वारा वीरंगानाओं को इस तरह के मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि वह घरेलू हिंसा का डट कर मुकाबला कर सके।
वाराणसी, जेएनएन। प्रदेश सरकार के प्रयास से बाल विकास विभाग द्वारा वीरंगानाओं को इस तरह के मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि वह घरेलू हिंसा का डट कर मुकाबला कर सके और उसकी जानकारी कैसे निकटतम पुलिस थाने पर दे। उनके प्रशिक्षण का मूल है कि बालिकाएं दूसरों पर निर्भर न रहे और खुद अपनी ताकत बने।
मार्शल आर्ट का पहला शिविर गुरुवार को बाल विकास परियोजना नगर के तत्वावधान में लल्लापुर खुर्द फातमान में लगाया गया। इसमें लल्लापुरा खुर्द, लल्लापुरा कला, काजीपुरा खुर्द, लहंगपुरा, बेनियाबाग और चौकाघाट क्षेत्र की 10 से 14वर्ष तक की 50 किशोरियों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम की संयोजक अंतरराष्ट्रीय एथलीट नीलू मिश्रा ने इन बालिकाओं को बताया कि वह किस तरह से घरेलू हिंसा को रोक सकती हैं और बात बढऩे पर कैसे निकटतम थाने को सूचना दे सकती है। गुड टच और बैड टच की जानकारी भी दी गयी। अगर उनके साथ कोई बैड टच करता है तो वह उसकी जानकारी सबसे पहले किस को देंगी। इन बालिकाओं को मार्शल आर्ट के उन दांव-पेंच की जानकारी दी गयी कि घर से बाहर छेडऩे वाले और फब्ती कसने वालों को कैसे धूल चटा सकेंगी। ताकि वह अगली बार इससे दूर रहे। शबनम, ममता सिंह, वंदना चक्रवाल, मीना जायसवाल, शकीला, स्नेहलता सिंह, गीतांजली जायसवाल और नौशाबा का योगदान सराहनीय रहा।