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रेजिडेंट डॉक्टरों की पिटाई के बाद उपजे संकट का सीधा असर BHU में चिकित्सीय सेवा पर पड़ा

बीएचयू अस्पताल परिसर में रेजिडेंट डॉक्टरों की पिटाई के बाद उपजे संकट का सीधा असर चिकित्सीय सेवा पर पड़ा है।

By Edited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 01:32 AM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 04:28 PM (IST)
रेजिडेंट डॉक्टरों की पिटाई के बाद उपजे संकट का सीधा असर BHU में चिकित्सीय सेवा पर पड़ा
रेजिडेंट डॉक्टरों की पिटाई के बाद उपजे संकट का सीधा असर BHU में चिकित्सीय सेवा पर पड़ा

वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू अस्पताल परिसर में रेजिडेंट डॉक्टरों की पिटाई के बाद उपजे संकट का सीधा असर चिकित्सीय सेवा पर पड़ा है। अफवाहों और अंदेशों के बीच बुधवार को भी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी रही। इस दौरान पहुंचे कुछ मरीजों को इलाज मिला तो कुछ को मायूस होकर लौटना पड़ा। यही नहीं गंभीर मरीज अन्य अस्पताल रेफर भी किए गए। वहीं एक दिन पूर्व मंगलवार को दोपहर बाद बैठक कर रेजिडेंट्स ने प्रशासन को अल्टीमेटम दिया है। आरोपितों की गिरफ्तारी न होने पर 72 घंटे बाद इमरजेंसी सेवा भी ठप करेंगे।

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सामान्य दिनों में लगभग 5000 मरीजों की ओपीडी में हड़ताल के दूसरे मरीजों की संख्या काफी कम रही। हड़ताल के पहले दिन जहां 3329 पर्ची काटी गई थी, वहीं मंगलवार को 483 की कमी आई और यह आंकड़ा 2846 पर ही सिमट गया। जूनियर व सीनियर रेजिडेंट्स के न होने पर सीनियर डॉक्टरों ने दायित्व संभाला। रेजिडेंट के न होने का असर वार्डो में भी दिखा। सूत्रों के मुताबिक यहां किसी किस्म का रिस्क न लेते हुए गंभीर मरीजों को अन्यत्र रेफर कर दिया गया। वहीं वार्डो में नए मरीज नहीं लिए गए। हालांकि पहले से भर्ती मरीजों के इलाज में स्वयं सीनियर डॉक्टर व नर्सिग स्टाफ मुस्तैद रहा।

उधर, इमरजेंसी में गंभीर मरीजों को लिया जा रहा था और थोड़ा भी आराम होने पर वार्ड में शिफ्ट करने की बजाय अन्यत्र भेजा गया। पूरे घटनाक्रम से अस्पताल की इमरजेंसी सेवा भी प्रभावित रही। सीनियर डाक्टरों ने संभाली सेवा हड़ताल के बीच हास्पिटल की ओपीडी को संचालित करने में सीनियर डॉक्टरों ने महती भूमिका निभाई। एक ओर जहां रेजिडेंट्स अपनी मांग पर अड़े रहे, वहीं कुछ सीनियर डॉक्टरों ने संजीदगी के साथ दायित्वों का निर्वहन किया। हालांकि कुछ ओपीडी में नाममात्र के की मरीज देखे गए और शेष को लौटा दिया गया। वहीं कुछ मरीज देखने की बजाय रेजिडेंट्स के समर्थन में कार्य से विरत रहे।

- बुधवार को खत्म हो सकती हड़ताल हड़ताल के दूसरे दिन बीएचयू अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. एसके माथुर, आइएमएस निदेशक प्रो. आरके जैन, चीफ प्रॉक्टर प्रो. ओपी राय, छात्र अधिष्ठाता प्रो. एमके सिंह, सीओ भेलूपुर आदि ने रेजिडेंट से बातचीत की। पुलिस प्रशासन ने उनको बताया कि पांच अज्ञात हमलावरों में तीन की पहचान कर ली गई है, जो जल्द ही गिरफ्त में होंगे। इस पर रेजिडेंट्स ने आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद हड़ताल वापस लेने की बात कही। ऐसे में यदि मंगलवार रात तक पुलिस आरोपितों को हिरासत में लेने में कामयाब होती है तो बुधवार से हड़ताल खत्म हो सकती है।

- अस्पताल की सेवा को सुचारू रखने में सीनियर डॉक्टरों नेसहयोग किया। ओपीडी में जितने मरीज आए सबको देखा गया। रेजिडेंट्स से बातचीत की जा रही है। कुछ आरोपितों की पहचान भी कर ली गई है। उम्मीद है मरीजों के हितों का ध्यान रखते हुए रेजिडेंट्स जल्द काम पर लौट आएंगे। - प्रो. एसके माथुर, एमएस-बीएचयू हॉस्पिटल

बीएचयू हास्पिटल में मंगलवार की स्थिति

- 2846 पर्ची काटी गई

- 3691 ओपीडी में पंजीयन

- 84 मरीज किए गए भर्ती

- 126 मरीज डिस्चार्ज

- 58 इमरजेंसी ओपीडी

- 27 ऑपरेशन किए गए

- 2075 सीसीआइ जांच

- 170 रेडियोलॉजी जांच

बीएचयू हड़ताल को देखते हुए सीएमओ ने जारी की निर्देश 

सर सुंदरलाल अस्पताल में रेजिडेंट्स की चल रही हड़ताल को देखते हुए मुख्यचिकित्सा अधिकारी डा. वीबी सिंह ने मंगलवार देर रात अलर्ट जारी किया। इसके तहत मंडलीय चिकित्सालय, जिला अस्पताल, रामनगर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल को निर्देशित किया गया है कि जो भी मरीज उनके यहां पहुंचे उन्हें भर्ती कर लिया जाए। भर्ती होने लायक मरीज को किसी भी हाल में लौटाया न जाए। 


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