वाराणसी में कोरोना संक्रमण की रोकथाम में लापरवाही बरतने पर चार अफसरों से डीएम ने मांगा जवाब
वैश्विक महामारी कोरोना की रोकथाम से जुड़े कार्य में लापरवाही बरतने पर वाराणसी के डीएम ने स्वास्थ्य व परिवहन विभाग के चार अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
वाराणसी, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना की रोकथाम से जुड़े कार्य में लापरवाही बरतने पर डीएम कौशलराज शर्मा ने स्वास्थ्य और परिवहन विभाग के चार अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। स्पष्ट जवाब नहीं देने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी। डीएम ने कहा है कि नोटिस मिलते तत्काल जवाब दें ताकि शासन को कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी जाए। उन्होंने कई और अफसरों को भी चेतावनी दी है। डीएम ने सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी एके राय को निर्देश दिया था कि 3 थानों पर 39 एंबुलेंस उपलब्ध कराएं जिससे कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पताल पहुंचाया जा सके। उन्होंने तीन दिन में मात्र 19 एंबुलेंस उपलब्ध कराई, जबकि 450 एंबुलेंस पंजीकृत हैं। सभी अस्पताल संचालकों को एंबुलेंस के लिए नोटिस तामिल नहीं कराई, इससे लापरवाही साफ दिखाई पड़ती है।
डीएम ने अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व नोडल अधिकारी कोविड चिकित्सालय डा. एके मौर्या को कारण बताओ नोटिस जारी कर कहा है कि सेंट मैरी चिकित्सालय कोरौता को आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है। यहां मरीजों के खानपान, शुद्ध पेयजल आदि की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की गई है। चयनित कैटरर्स द्वारा मेन्यू के अनुसार खाद्य सामग्री उपलब्ध नहीं कराई जा रही है
डीएम ने पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. वी शुक्ला को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि कोविड-2 सेंटर अस्पताल में 10 दिनों से टूटी सीवर लाइन की मरम्मत नहीं हो सकी। जिससे प्राइवेट वार्ड के 10 बेड स्थापित नहीं हो सके।
डीएम ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मिसिरपुर के अधीक्षक डा. ओपी शुक्ला को नोटिस जारी कर कहा कि सेंट मैरीज चिकित्सालय कोरौता को आइसोलेशन सेंटर घोषित कर सुविधाओं के लिए प्रभारी अधिकारी नामित हैं। एडीएम सिटी ने निरीक्षण में पाया कि सेंटर में मरीजों को नाश्ता नहीं मिल रहा व भोजन काफी विलंब से। साबुन-सैनिटाइजर की व्यवस्था नहीं है। डाक्टर-पैरामेडिकल राउंड पर नहीं जाते। मरीज खुलेआम घूम रहे हैं।
डीएम ने एसीएमओ डा. एके गुप्ता को नोटिस जारी कर कहा है कि कोविड और नॉन कोविड अस्पतालों में चिकित्सालय अधीक्षक और प्रभारी चिकित्साधिकारी के माध्यम से कमी दूर करने में जिम्मेदारी नहीं समझी, न अधीनस्थों से उसे दूर कराने का प्रयास किया। इसमें लापरवाही दिखाई पड़ती है। तत्काल नोटिस का जवाब दें।