जिलाधिकारी बोले, वाराणसी को संवारने के लिए हमें ही होना पड़ेगा अनुशासित
बोले जिलाधिकारी, अनुशासन के दायरे में रहकर नियम -कानून का पालन करने हुए भारतीय नागरिक का फर्ज निभाएंगे तो काशी की अधिकतर समस्याएं स्वत: समाप्त हो जाएंगी।
वाराणसी, जेएनएन । यह शहर आपका ही है। शहर को सुंदर बनाए रखने के लिए काशीवासियों को ही आगे आना होगा। अनुशासन के दायरे में रहकर नियम -कानून का पालन करने हुए भारतीय नागरिक का फर्ज निभाएंगे तो काशी की अधिकतर समस्याएं स्वत: समाप्त हो जाएंगी। यह कहना है वाराणसी के जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह का।
दैनिक जागरण के 'प्रश्न प्रहर' कार्यक्रम में शुक्रवार को जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने फोन पर जागरण के पाठकों से बात की। अधिकतर लोगों ने नगर में प्रतिदिन लगने वाले जाम, कुंड-तालाब, पार्कों की बदहाली, अतिक्रमण से लगायत अन्य मुद्दों पर सवाल पूछे। डीएम ने पाठकों के सवालों का जवाब दिया और अनुरोध किया कि वे भी एक जिम्मेदार नागरिक का फर्ज निभाएं तभी काशी का वह रूप निखरकर सामने आएगा जो लोग चाहते हैं।
अभी समझ में नहीं आ रहा, सजा होगी तो खुद पर होंगे नाराज : नगर की सबसे बड़ी समस्या अतिक्रमण है। जिलाधिकारी ने बड़ी बेबाकी से कहा कि अभी तक अतिक्रमण करने वालों पर जुर्माना की कार्रवाई चल रही थी। लोग जुर्माना देकर भी अपना अतिक्रमण नहीं हटा रहे थे। अब पुलिस ने अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ आइपीसी की सुसंगत धाराओं में मुकदमा कायम करना शुरू कर दिया है। अब तक पचास से अधिक मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज हो चुके हैं। जिन धाराओं में मुकदमा कायम किया जा रहा है, उसमें पांच साल तक की सजा का प्रावधान है। ऐसे लोगों को जब अदालत से सजा मिलेगी तो वह खुद के किए अतिक्रमण को याद करके कोसेंगे। डीएम ने अपील की है कि अगर आपने भी अतिक्रमण किया है तो उसे तुरंत हटवा लें अन्यथा जेल जाने को तैयार रहें।
यातायात व्यवस्था में सुधार को कर रहे काम, दिखेगा फर्क : जिलाधिकारी ने कहा कि बनारस में हर तरह का ट्रैफिक हैं। यहां हर तरह के वाहन चलते हैं और सबकी अलग स्पीड है। अतिक्रमण के चलते सड़कें संकरी हो गई है। बताया कि यातायात में सुधार के लिए 63 प्वाइंट पर काम चल रहा है। एक माह के भीतर ही लोगों को फर्क दिखने लगेगा। सड़कों का निर्माण इस तरह कराया जा रहा कि अतिक्रमण की गुंजाइश नहीं रहे। सड़क किनारे अतिक्रमण का कारण बनने वाले विद्युत पोलों को हटाया जा रहा है। वाहन सवारों से भी अपील है कि अपने वाहन खड़ा करते समय इसका ध्यान जरूर रखें कि उनकी गलत पार्किंग के चलते सड़क जाम तो नहीं हो रहा है।
रोड कटिंग की इजाजत किसी को नहीं : पेयजल पाइप के लिए रोड कटिंग के बाबत एक सवाल के जवाब में डीएम सुरेंद्र सिंह ने बताया कि प्रवासी भारतीय दिवस तक उन सभी सड़कों पर कटिंग की इजाजत पर रोक लगा दी गई है जो अभी बनाई गई है। प्रवासियों के जनवरी में आगमन को देखते हुए हम सभी को ध्यान देना होगा कि कहीं गंदगी न करें। सड़कों को काटे नहीं।
शौक के लिए नहीं शस्त्र लाइसेंस : एक पाठक ने डीएम से शस्त्र लाइसेंस के लिए अपील किया। डीएम ने पूछा कि क्यों लेना चाहते हैं, क्या आपको जान का खतरा है, जवाब मिला नहीं बस ऐसे ही। डीएम ने कहा कि शौक के लिए शस्त्र लाइसेंस नहीं दिया सकता है। फिलहाल जिनकी जान को खतरा है, वरासत वाले मामले ही प्राथमिकता में हैं।
बंद होगा भारी वाहनों का प्रवेश : रामनगर के एक नागरिक ने टेंगरा मोड़ पर बालू-गिट्टी की मंडी के चलते होने वाली दुश्वारियां बताई। डीएम ने कहा कि वहां से मंडी हटेगी। इतना ही नहीं शहर में भी रात में भी अब भारी वाहनों का प्रवेश बंद होगा। इससे सड़कें खराब नहीं होगी, जाम की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा। इसकी रूपरेखा तैयार कराई जा रही है।
कमेटी बनाकर करें पार्कों का रखरखाव, हम देंगे पूरा सहयोग : नगर के अधिकतर पार्कों की बदहाली के सवाल पर डीएम सुरेंद्र सिंह ने कहा कि पार्कों के सुंदरीकरण में जिला प्रशासन पूरा सहयोग देगा। पार्कों के अगल-बगल रहने वालों की भी जिम्मेदारी है कि वह कमेटी बनाकर वहां कम से कम पेड़-पौधों के रखरखाव व रंगरोगन की जिम्मेदारी संभाले। पार्कों के सुंदरीकरण में नगर निगम व वीडीए काम कर रहा है।
यह मामले भी आए : पुष्कर तालाब में वर्ष 2001 में काम शुरू हुआ लेकिन अभी भी एक चौथाई काम बाकी है। दुकानदारों के राशनकार्ड नहीं बन रहे हैं। ट्यूबवेल पाइप फटने से दिक्कत। बिंदा ग्राम प्रधान पर नाली बनाने के नाम पर पैसे हड़पने का आरोप। शंकुलधारा क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट गायब, सड़क की हालत भी खस्ता। इन सभी मामलों में डीएम ने जांच कर आवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
इन्होंने रखी अपनी बात : मनोज प्रजापति नदेसर, संतदयाल श्रीवास्तव रामनगर, डा. बलराम प्रसाद शंकुलधारा, अंशुमान मालवीय महमूरंगज, शिवविनायक चौबे पहडिय़ा, रामयश मिश्र पुष्कर तालाब अस्सी, विनय शंकर केसरी राजातालाब, सेनापति अधिवक्ता लंका, शैलेश शुक्ला कपसेठी, हरिशंकर प्रजापति पिंडरा, धु्रवनाथ सिंह सिगरा, पूर्व सैनिक विजय लाल।