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चंदौली में लापरवाही पर आरईएस एक्सईएन और जेई का जिलाधिकारी ने रोका वेतन

चंदौली में आपरेशन कायाकल्प सामुदायिक शौचालय मिनी सचिवालयों हेल्थ व वेलनेंस सेंटर और आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण को रफ्तार नहीं मिल रही है। शासन से धनराशि आवंटित होने के एक साल बाद भी परियोजनाएं अधूरी हैं। आपरेशन कायाकल्प भी जोर नहीं पकड़ रहा।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 08:30 PM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 08:30 PM (IST)
चंदौली में लापरवाही पर आरईएस एक्सईएन और जेई का जिलाधिकारी ने रोका वेतन
डीएम ने गुरुवार की देर शाम कलेक्ट्रेट में विकास कार्यों की समीक्षा की।

चंदौली, जागरण संवाददाता। जिलाधिकारी ने चंदौली जिले में विकास कार्यों की प्रगति जानी और सुस्ती पर नाराज भी नजर आए। इस दौरान आपरेशन कायाकल्प के सही क्रियान्वयन का निर्देश देने के साथ ही लापरवाही बरतने वाले अफसरों को कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी भी दी।

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जिले में आपरेशन कायाकल्प, सामुदायिक शौचालय, मिनी सचिवालयों, हेल्थ व वेलनेंस सेंटर और आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण को रफ्तार नहीं मिल रही है। शासन से धनराशि आवंटित होने के एक साल बाद भी परियोजनाएं अधूरी हैं। आपरेशन कायाकल्प भी जोर नहीं पकड़ रहा। इसको लेकर जिलाधिकारी संजीव सिंह ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है। हेल्थ व वेलनेस सेंटरों के निर्माण में हीलाहवाली पर आरईएस के एक्सईएन व जेई का वेतन रोकने की कार्रवाई की।

डीएम ने गुरुवार की देर शाम कलेक्ट्रेट में विकास कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान आपरेशन कायाकल्प के तहत परिषदीय विद्यालयों में टाइल्स लगाने, स्वच्छ शौचालय, किचन शेड, हैंडवास यूनिट, रनिंग वाटर, बाउंड्रीवाल, विद्युतीकरण आदि के काम की स्थिति संतोषजनक नहीं पाई गई। जिले में 734 लक्ष्य के सापेक्ष अब तक मात्र 588 सामुदायिक शौचालयों का ही निर्माण हो सका है। सामुदायिक शौचालय समूह की महिलाओं को हैैंडओवर करने में भी दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही। मिनी सचिवालयों के निर्माण को भी गति नहीं मिल पा रही।

इस पर डीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए तत्काल अधूरे निर्माण कार्य को पूरा कराने के निर्देश दिया। उन्होंने कहा आपरेशन कायाकल्प के काम में किसी तरह की बाधा नहीं आनी चाहिए। जिला पंचायत राज अधिकारी प्रधानों के साथ समन्वय स्थापित कर स्कूलों में मानक के अनुरूप सुविधाएं बहाल कराने पर ध्यान दें। लापरवाही भारी पड़ सकती है। आंगनबाड़ी केंद्रों के जीर्णोद्धार व मरम्मत कार्य को भी शीघ्र पूरा कराया जाए। पुराने भवनों की मरम्मत और रंगरोगन कर ठीक किया जाए। ताकि यहां बच्चों की कक्षाएं संचालित हो सकें। साथ ही विभागीय योजनाओं का क्रियान्यन भी हो सके।

ग्राम स्तरीय उद्यमी को गोल्डन कार्ड बनवाने की जिम्मेदारी : डीएम ने कहा, आयुष्मान भारत योजना का गोल्डन कार्ड बनवाने की जिम्मेदारी ग्राम स्तरीय उद्यमी को सौंपी गई है। वे अपने आवंटित ग्राम पंचायतों में जाकर लोगों को जागरूक करें। गरीब परिवारों के गोल्डन कार्ड हर हाल में बनवाए जाएं। इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चााहिए। इसमें बीडीओ, एडीओ पंचायत, सचिव, कोटेदारों की मदद ली जा सकती है।


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