जिलाधिकारी ने मदरसा संचालकों से पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर के अध्ययनरत छात्रों की मांगी सूची
जिला प्रशासन के पास फिलहाल ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि वाराणसी में संचालित मदरसों में जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों के कितने छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।
वाराणसी, जेएनएन। जिला प्रशासन के पास फिलहाल ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि वाराणसी में संचालित मदरसों में जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों के कितने छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। दरअसल, योगी सरकार के निर्देश पर जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों के यूपी में अध्ययनरत छात्रों के आर्थिक, सुरक्षा व छात्रवृृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए सभी जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में शिकायत प्रकोष्ठ का गठन किया गया है।
अल्पसंख्यक विभाग को बैठक कराने व छात्रों की समस्याओं को सुलझाने के निर्देश दिए गए हैं। सीएम ने बीते 28 दिसंबर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पूर्वोत्तर राज्यों व जम्मू-कश्मीर के छात्रों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निबटाने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री की पहल पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी की बैठक की गई। बैठक में बीएचयू के सहायक कुलसचिव ने जानकारी दी कि जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों के कुल छह विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। छात्रवृत्ति से संबंधित उनकी कोई समस्या नहीं है।
संस्कृत विवि की ओर से जानकारी दी गई कि उनके यहां एक छात्र पढ़ाई कर रहा है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की ओर से बताया गया कि उनके यहां कोई छात्र पूर्वोत्तर या जम्मू-कश्मीर से नहीं है। बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग यह नहीं बता पाया कि जिले में संचालित मदरसों व केंद्रीय उच्च तिब्बती संस्थान में कितने छात्र पूर्वोत्तर राज्य व जम्मू-कश्मीर के हैं। जिलाधिकारी ने अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को सभी मदरसों व तिब्बती संस्थान में अध्ययनरत छात्रों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।