पुलिसकर्मियों को उकसा रहा बर्खास्त सिपाही हुआ गिरफ्तार, साथियों संग कर रहा था प्रदर्शन
शुक्रवार को महकमे से बर्खास्त सिपाही व अराजपत्रित वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष बृजेंद्र सिंह यादव के विरोध प्रदर्शन करने की सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया।
वाराणसी (जेएनएन) । दो दिन से खुफिया एजेंसियों समेत वाराणसी पुलिस के तमाम तेज तर्रार इंस्पेक्टर और दारोगा जिस शख्स की तलाश कर रहे थे, वह शुक्रवार को अचानक अपने तीन साथियों के साथ जिला मुख्यालय पहुंचा और बांह पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करने लगा। पुलिस महकमे से बर्खास्त सिपाही व अराजपत्रित वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष बृजेंद्र सिंह यादव के विरोध प्रदर्शन करने की सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया। आननफानन में पहुंचे इंस्पेक्टर कैंट राजीव रंजन उपाध्याय ने बृजेंद्र सिंह यादव को गिरफ्तार कर लिया और कैंट थाने ले आए। सरकारी काम में बाधा, भावनाओं को भड़काने समेत अन्य गंभीर आरोप में मुकदमा कायम करने के बाद कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने न्यायिक अभिरक्षा में बृजेंद्र को दस दिन के लिए जेल भेज दिया।
बृजेंद्र सिंह यादव बीते दिनों से वाराणसी में डेरा डाला था और एसोसिएशन से जुड़े दारोगा, सिपाहियों के संपर्क में था। बृजेंद्र की बनारस में मौजूदगी पर आला अधिकारियों के निर्देश पर उसकी तलाश शुरू हुई लेकिन विभागीय दांवपेंच से वाकिफ बृजेंद्र पकड़ में नहीं आ सका था। इस दौरान बृजेंद्र ने पुलिस लाइन से लेकर अन्य स्थानों पर पुलिसकर्मियों से मुलाकात कर घोषणा कर दी थी कि यदि विवेक तिवारी हत्याकांड के मामले में गिरफ्तार सिपाही प्रशांत की तहरीर पर मुकदमा कायम किया जाए, परिजनों को मुआवजा मिले वरना 11 अक्टूबर को पुलिस मेस का बहिष्कार करने के साथ पुलिसकर्मी भूख हड़ताल करेंगे।
अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं : एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने कहा कि पुलिस महकमा अनुशासित है। अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि कोई पुलिसकर्मी विरोध-प्रदर्शन करता है या साथियों को उकसाता है या फिर सोशल मीडिया पर असंतोष जाहिर करते हुए अमर्यादित टिप्पणी करता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।
महकमे में ही हो रही जासूसी : लखनऊ के विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद पुलिस महकमा दो गुट में बंट सा गया है। एक गुट हत्याकांड के आरोपित सिपाहियों के साथ खड़ा है। वाराणसी समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों से प्रशांत व उसके परिजनों को आर्थिक मदद मुहैया कराई जा रही है। वाराणसी में भी सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने अपने बैंक खाते से रुपये ट्रांसफर किए हैं। अधिकारियों ने कहा कि यदि कोई पुलिसकर्मी किसी अन्य की मदद करता है तो हम उसमें कुछ नहीं कर सकते हैं, बस विभाग में किसी तरह की अनुशासनहीनता नहीं हो।