प्रवासियों को आयोजन के दौरान घर पर ठहराने के लिए आगे आए 435 शहरवासी
वाराणसी में चाहे जिस तरह के आयोजन रहे हों, काशीवासियों ने हमेशा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है।
वाराणसी [जेपी पांडेय] : चाहे जिस तरह के आयोजन रहे हों। काशीवासियों ने हमेशा बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के साथ अपनी जिम्मेदारियों को निभाया है। जनवरी माह में होने वाले 'प्रवासी भारतीय दिवस' में शामिल होने आ रहे अतिथियों को ठहराने और उनके सम्मान के लिए काशीवासी फिर एक बार आगे आए हैं। काशीवासी अपने घर में प्रवासियों को ठहराने के लिए कमरा उपलब्ध कराने को सहर्ष तैयार हैं। विकास प्राधिकरण के पोर्टल व आवेदन फार्म पर अब तक 435 लोगों ने अतिथियों को अपने यहां ठहराने के लिए पंजीकरण कराया है। इसमें मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, वीडीए उपाध्यक्ष समेत दर्जनभर अफसर भी शामिल हैं।
जनवरी में 21 से 23 तक होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस में साढ़े सात हजार से अधिक लोग शामिल होने आ रहे हैं। होटल, गेस्टहाउस में बमुश्किल एक हजार लोगों को ठहराया जा सकता है। ऐसे में शासन ने विश्वविद्यालयों, कालेजों, अफसरों के घरों प्रवासियों को ठहराने का निर्णय लिया है, फिर भी स्थान नहीं होने पर शासन ने काशीवासियों से अपने घरों में अतिथि के रूप में ठहराने की अपील की थी। 24 सितंबर तक वीडीए के पोर्टल और फार्म पर 435 लोगों ने अपने घरों में प्रवासियों को ठहराने के लिए पंजीकरण करा लिया है।
उधर, बिल्डर्स एसोसिएशन ने भी 450 फ्लैटों की सूची वीडीए को उपलब्ध कराई है लेकिन उन्हें और फ्लैट देने को कहा गया है। प्रवासी भारतीय दिवस में शामिल होने आ रहे लोगों को ठहराने के लिए शहरवासियों का आगे आना बड़ी बात है। बिना शहरवासियों के सहयोग के इतने लोगों की रहने की व्यवस्था नहीं की जा सकती है। -राजेश कुमार, उपाध्यक्ष वीडीए।