डायरिया रोगी घटे मगर खतरा फिर भी बरकरार, स्वास्थ्य विभाग की सांसें अभी भी फूल रहीं Varanasi news
डायरिया से जूझ रहे रामनगर ने दो दिनों से उल्टी- दस्त के मरीजों की संख्या में कमी आने से राहत की सांस जरूर ली लेकिन स्वास्थ्य विभाग की सांसें अभी भी फूल रही है।
वाराणसी, जेएनएन। डायरिया से जूझ रहे रामनगर ने दो दिनों से उल्टी- दस्त के मरीजों की संख्या में कमी आने से राहत की सांस जरूर ली लेकिन स्वास्थ्य विभाग की सांसें अभी भी फूल रही हैं। अफसरों की चिंता नगर सरकारी जलापूर्ति की पाइपों में जगह-जगह लीकेज को लेकर है। सुबह-शाम जलापूर्ति शुरू होने के साथ गढ्ड़ों के भर जाना और बाद में इस पानी का पुन: पाइप में समाना खतरा बरकरार रहने का संकेत दे रहा है। यही नहीं सोमवार को महकमा तब सकते में आ गया जब अलग अलग मोहल्लों में नौ स्थानों से लिए गए पानी की जांच में छह नमूने फेल हो गए। ये सीहाबीर मंदिर, गोलाघाट, साहित्यनाका व जनकपुर से लिए गए थे।
इसके साथ ही शासन-प्रशासन की सख्ती के बाद भी नगर पालिका प्रशासन की घोर बेपरवाही भी सामने आ गई। 13 मरीज भर्ती, दो दर्जन ओपीडी में लालबहादुर शास्त्री राजकीय अस्पताल में रविवार रात से सोमवार शाम तक 13 मरीज भर्ती किए गए। इसके अलावा दो दर्जन से अधिक ओपीडी में पहुंचे। अब तक 400 से अधिक मरीजों का इलाज किया जा चुका है। साथ ही दो मरीजों की मौत भी हो चुकी है। डायरिया का प्रकोप देखते हुए सीएमओ डा. वीबी सिंह ने दोपहर में अस्पताल पहुंच कर मरीजों का हाल जाना और समीक्षा भी की। इसके अलावा बारी गढ़ही में अस्थायी शिविर लगाया गया है। बढ़ाए चार डाक्टर, 30 स्वास्थ्य कर्मी रामनगर अस्पताल में चार डाक्टर बढ़ाने के साथ ही 30 पर्यवेक्षक व स्वास्थ्य कार्यकर्ता तैनात कर दिए गए।
नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. जंग बहादुर व डा. पीयूष राय के अनुसार स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की दो सदस्यीय सात टीम तैनात की गई है। इनके जरिए रामपुर, बारी गढ़ही, वाजिदपुर व मछरहट्टंा में निरोधात्मक कार्रवाई व जागरूकता प्रसार किया जा रहा है। साथ ही ओआरएस पैकेट व क्लोरीन की गोलियां बांटी जा रही हैं। पालिका अध्यक्ष रेखा शर्मा का दावा है कि दूषित जलापूर्ति नगर में न हो इसके लिए सभी ट्यूबवेल व ओवरहेड टंकी में नियमित क्लोरीन डाला जा रहा है। इसकी निगरानी भी की जा रही हैं। वार्ड में साफ सफाई व्यवस्था सुनिश्ति कराया गया है। ब्लीचिंग पाउडर भी छिड़का जा रहा है।