बाबा दरबार में गेट नंबर एक ढुंढिराज गणेश प्रवेश द्वार भी बंद, रेडजोन के अन्य रास्ते बंद होने से बढ़ी परेशानी
सुबह से ही केवल अन्नपूर्णा मंदिर में जाने वाले लोगों को गेट नंबर एक से प्रवेश दिया गया।
वाराणसी, जेएनएन। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की मनमानी शुक्रवार को एक बार फिर सामने आई। बाबा दरबार के मुख्य प्रवेश द्वार समेत भैरव कोठरी, सरस्वती फाटक और आम भक्तों के लिए गेट नंबर एक ढुंढिराज गणेश से भी लाेगों का प्रवेश बंद कर दिया गया।
फिलहाल, प्रवेश द्वार बंद करने के पीछे का मकसद क्या है, यह आम लोगों की समझ के परे है। बाबा की मंगला आरती के बाद से ही उसे बंद कर दिया गया। इस तरह की मनमानी परंपराओं के खिलाफ बताई जा रही है। दूसरी तरफ सुबह से ही केवल अन्नपूर्णा मंदिर में जाने वाले लोगों को गेट नंबर एक से प्रवेश दिया गया।
वहीं उसके आगे अक्षवट हनुमान मंदिर, शनिदेव व कैलाश मंदिर में भक्त दर्शन नहीं कर पाए। कहने को मंदिर प्रशासन भक्तों को किसी प्रकार की समस्या न हो उसके लिए कई द्वार खोले गए हैं लेकिन वर्तमान में केवल एक द्वार छत्ताद्वार से ही प्रवेश दिया जा रहा है जिससे श्रद्धालुओं की निकासी भी हो रही है। इसकी वजह से एक ही मार्ग पर भीड़ हो रही है जबकि दूसरे रास्तों पर कारोबारियों का व्यवयाय मार्ग बंद होने की वजह से लगातार चौपट हो रहा है।
विश्वनाथ मंदिर के महंत डिमेंशिया से पीडि़त
बीमार चल रहे श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डा. कुलपति तिवारी की प्राथमिक जांच में ब्रेन एट्राफी की पुष्टि हुई है। इसमें दिमाग का कुछ हिस्सा सूख जाता है। इलाज कर रहे बीएचयू के न्यूरोलॉजिस्ट प्रो. वीएन मिश्र के मुताबिक पूरी जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। महंत कुलपति तिवारी कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। गुरुवार को हालत बिगडऩे पर बीएचयू में भर्ती कराया गया। डाक्टरों ने सदमे के कारण डिमेंशिया की आशंका जताई है।