पीडीडीयू के व्यासनगर में आठ किलोमीटर लंबा फ्लाई ओवर बनाएगी डीएफसीसी, आउटर पर नहीं खड़ी होंगी ट्रेनें
डीएफसीसी लखनऊ-वाराणसी-इलाहाबाद रूट को जोडऩे वाले व्यासनगर स्टेशन में आठ किलोमीटर लंबा फ्लाई ओवर बनाएगी। पुल से लखनऊ रूट से माल गाडिय़ों का परिचालन और भी सुगम होगा। डीएफसीसी निर्माण के लिए पांच सौ करोड़ रुपये खर्च करेगी। अब लखनऊ बी फ्लाई ओवर से समय की बचत होगी।
चंदौली, जेएनएन। डीएफसीसी लखनऊ-वाराणसी-इलाहाबाद रूट को जोडऩे वाले व्यासनगर स्टेशन में आठ किलोमीटर लंबा फ्लाई ओवर बनाएगी। पुल से लखनऊ रूट से माल गाडिय़ों का परिचालन और भी सुगम होगा। डीएफसीसी निर्माण के लिए पांच सौ करोड़ रुपये खर्च करेगी। हावड़ा की तरफ से डीएफसीसी की लाइन से मालगाडिय़ां गुजर जाएंगी। अभी तक व्यासनगर स्टेशन से होकर लखनऊ-वाराणसी की मालगाड़ी गुजरती थी। ऐसे में दोनों रूट पर ट्रेनों के आने से विलंब होता था। अब लखनऊ बी फ्लाई ओवर से समय की बचत होगी। साथ ही व्यापारियों व यात्रियों की परेशानी भी दूर हो जाएगी।
पूर्व मध्य रेलवे के पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से लगभग दो किलोमीटर दूर व्यासनगर स्टेशन उत्तर रेलवे का हिस्सा है। रेल प्रशासन इस रूट को काफी व्यस्त मानता है। इस स्टेशन से लखनऊ-वाराणसी-पीडीडीयू जंक्शन-इलाहाबाद रूट की यात्री ट्रेनों के साथ मालगाडिय़ां गुजरती हैं। एक साथ अगर तीन रूट की गाडिय़ां स्टेशन पर पहुंचती हैं तो अपनी पारी का ट्रेनों को आधे से एक घंटे तक का इंतजार करना पड़ता है। लखनऊ बी रूट फ्लाई ओवर निर्माण के बाद इस समस्या का समाधान हो जाएगा।
तीसरी लाइन से जुड़ेगा फ्लाई ओवर
व्यासनगर स्टेशन से आठ किलोमीटर लंबे फ्लाई ओवर से काफी राहत मिलेगी। यह फ्लाई ओवार व्यासनगर से उठकर सीधे डीएफसीसी से जुड़ेगा। हावड़ा की तरफ से आने वाली डीएफसीसी लाइन से मालगाडिय़ां पास हो जाएंगी। इलाहाबाद रूट की मालगाडिय़ां तीसरी लाइन से गुजर जाती हैं। पुल बनने से व्यासनगर स्टेशन पर ट्रेनों का दबाव भी कम हो जाएगा।
फ्लाई ओवर
- 500 करोड़ रुपये होगा खर्च
- 8.262 किलोमीटर लंबा होगा पुल
- 3 महीने में होगी निविदा
- 3 साल में पूरा होगा काम
- पीडीडीयू मंडल से उत्तर मध्य रेलवे की तरफ से जाती हैं 30 से 35 गाडिय़ां
- पीडीडीयू मंडल से उत्तर रेलवे की तरफ जाती हैं 22 से 30 गाडिय़ां
लखनऊ बी फ्लाई ओवर पांच करोड़ की परियोजना है
लखनऊ बी फ्लाई ओवर पांच करोड़ की परियोजना है। इसके निविदा की प्रक्रिया की जा रही है। तीन साल में कार्य पूरा हो जाएगा। फ्रेट कारिडोर का महत्वपूर्ण हिस्सा रहेगा।
अजीत मिश्रा, महाप्रबंधक, डीएफसीसी आइएल पूर्वी कारिडोर