वैशाख पूर्णिमा पर मां विंध्यवासिनी मंदिर में पहुंचे आस्थावान, दिन भर भक्तों की धाम में रही भीड़
वैशाख पूर्णिमा पर मीरजापुर में मां विंध्यवासिनी की चौखट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। देश के कोने-कोने से विंध्यधाम पहुंचे लोगों ने श्रद्धाभाव से मत्था टेका। घंटा-घड़ियाल शंख व मां के जयकारे से विंध्यधाम देवीमय हो रहा था।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : वैशाख पूर्णिमा पर मां विंध्यवासिनी की चौखट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। देश के कोने-कोने से विंध्यधाम पहुंचे लोगों ने श्रद्धाभाव से मत्था टेका। घंटा-घड़ियाल, शंख व मां के जयकारे से विंध्यधाम देवीमय हो रहा था। मंदिर की छत पर मंत्रोच्चारण के बीच पूजा-पाठ, अनुष्ठान सहित शहनाई व नगाड़े के बीच मुंडन संस्कार होता रहा। सोमवार की भोर मंगला आरती के उपरांत मां विंध्यवासिनी के भव्य श्रृंगार का दर्शन पाकर श्रद्धालु भाव विह्वल हो उठे। मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन से पहले श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई, फिर मंदिर की ओर बढ़े और विधि-विधान पूर्वक मां का दर्शन-पूजन कर मंगलकामना की।
नारियल-चुनरी, लाचीदाना, रोरी-रक्षा, माला-फूल के साथ श्रद्धालु मां का जयकारा लगाते मंदिर की तरफ बढ़े जा रहे थे। मां की आरती के समय कपाट बंद होने पर काफी देर तक श्रद्धालु खड़े होकर कपाट खुलने का इंतजार करते रहे। मां की आरती के उपरांत कपाट खुलते ही माता के जयकारे से विंध्यधाम गुंजायमान हो उठा। मंदिर परिसर में श्रीपंचमुखी महादेव, मां सरस्वती, मां दुर्गा, मां काली, दक्षिणमुखी हनुमानजी, श्रीराधा-कृष्ण, बाबा बटुक भैरवजी के भव्य स्वरूप का दर्शन-पूजन करने को भक्ताें का तांता लगा रहा। हवन-कुंड में आहुतियां डालने का क्रम अनवरत चलता रहा। मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन करने के बाद श्रद्धालुओं ने त्रिकोण परिक्रमा कर पुण्य कमाया। आस्थावानों की भारी भीड़ के चलते सुरक्षा-व्यवस्था के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए थे।