मंथन से निकलेगी रेलवे के विकास की संजीवनी, मंत्रालय करेगा 'परिवर्तन गोष्ठी', बेहतर परफार्मेंस वाले जीएम अपना विचार देंगे
भविष्य में विकास के ट्रैक पर रफ्तार को और तेज करने के लिए रेलवे मंथन करेगा। मंत्रालय इसके लिए परिवर्तन गोष्ठी करने जा रहा।
वाराणसी, जेएनएन। भविष्य में विकास के ट्रैक पर रफ्तार को और तेज करने के लिए रेलवे मंथन करेगा। मंत्रालय इसके लिए 'परिवर्तन गोष्ठी' करने जा रहा। बेहतर परफार्मेंस वाले रेल अफसर अनुभव बांटने को नामित किए हैं। देश भर के जीएम, डीआरएम इसमें शिरकत करेंगे। मंथन से निकली संजीवनी के आधार पर रेलवे बोर्ड बदलाव को कदम बढ़ाएगा। रेलवे बोर्ड के प्रिंसिपल एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुधीर कुमार ने पत्र जारी किया है।
'परिवर्तन गोष्ठी' की क्यों पड़ी जरूरत
रेलवे देश की लाइफ लाइन कही जाती है। बदलते वक्त में रफ्तार एवं तकनीकी अपनाना जरूरत बन गई है। संस्थान के पास जरूरत मुताबिक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। ऐसे में आय बढ़ाने को विभाग के तेज तर्रार एवं मानकों पर खरा उतरने वाले अधिकारियों से विचार लेने की रणनीति बनी है। अफसरों को 'परिवर्तन गोष्ठीÓ के जरिये मंच दिया जाएगा।
महाप्रबंधक प्रतिनिधि अफसर भेज सकेंगे
किन्हीं परिस्थितियों में सात एवं आठ दिसंबर को लागू परिवर्तन गोष्ठी में महाप्रबंधक के न पहुंच पर उनके दो प्रतिनिधि 'परिवर्तन गोष्ठी' में भाग ले सकेंगे। नई दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित प्रवासी भारतीय केंद्र में दो दिवसीय मंथन होगा।
अनुभव बांटने को नामित अधिकारी
प्रथम लेवल में महाप्रबंधक ईसीआर (ईस्ट सेंट्रल रेल), एनईआर (नार्थ ईस्टर्न रेल), एसडब्ल्यूआर (साउथ वेस्टर्न रेल), एसईआर (साउथ ईस्टर्न रेल), एसआर (साउथर्न रेल) एवं दूसरे लेवल में डीआरएम फिरोजपुर, धनबाद, बंगलौर, इलाहाबाद को नामित किया गया है। रेलवे बोर्ड मंथन से निकली संजीवनी को मंत्रालय के पास अगली कार्यवाही के लिए भेजेगा।