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Dev Deepawali : पूछ रहे हैं मेहमान इस बार आयोजन होगा या नहीं, 30 नवंबर को है कार्तिक पूर्णिमा

इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा यानी देव दीपावली 30 नवंबर को पड़ रही है। कोरोना महामारी के कारण हर वर्ष आयोजन को लेकर अभी भले असमंजस हो लेकिन वाराणसी के होटलों-गेस्ट हाउसों में लगातार मेहमानों के फोन आ रहे हैं। कुछ मेहमानों ने कमरे बुक करा लिए हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 03:32 AM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 09:52 AM (IST)
Dev Deepawali : पूछ रहे हैं मेहमान इस बार आयोजन होगा या नहीं, 30 नवंबर को है कार्तिक पूर्णिमा
वाराणसी के घाटों पर हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली का आयोजन किया जाता है।

वाराणसी [सौरभचंद्र पांडेय]। धर्म नगरी काशी में हर आयोजन का अपना अलग महत्व है। इसमें खास है काशी का देव दीपावली महोत्सव। इसमें शामिल होने और इसकी अलौकिक छटा के हर पल को महसूसने और निहारने के लिए सात समंदर पार से मेहमानों की जुटान होती है। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा यानी देव दीपावली 30 नवंबर को पड़ रही है। कोरोना महामारी के कारण हर वर्ष आयोजन को लेकर अभी भले असमंजस हो लेकिन होटलों-गेस्ट हाउसों में लगातार मेहमानों के फोन आ रहे हैं। वह पूछ रहे हैं कि इस बार आयोजन होगा या नहीं। होटल संचालक उन्हें अभी कुछ स्पष्ट जवाब नहीं दे  रहे हैं। हालांकि फिर भी कुछ मेहमानों ने 30 नवंबर के लिए कमरे बुक करा लिए हैं।

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इस बार केवल दस फीसद बुकिंग, आफर्स की बौछार

कोरोना महामारी के कारण इस बार होटलों और गेस्ट हाउसों में देव दीपावली पर मेहमानों द्वारा बुङ्क्षकग करने पर उन्हें आकर्षक आफर दिए जा रहे हैं। ऐसा इसलिए कि कोरोना के कारण होटलों में पसरा सन्नाटा शायद आफर के भरोसे ही गुलजार हो सके। हर वर्ष तो दो माह पहले से ही काशी के सभी होटल और गेस्ट हाउस इस उत्सव के दिन के लिए फुल हो जाते थे। इस बार अभी केवल दस फीसद ही बुङ्क्षकग हो पाई है। बुङ्क्षकग की स्थिति देखकर होटल संचालक माथे पर हाथ धरे बैठे हैं।

देशहित को ध्यान में रखकर कर रहे विचार

केंद्रीय देव दीपावली महासमिति के अध्यक्ष वागीश दत्त मिश्रा ने बताया कि पूरा प्रयास है कि आयोजन किया जाए, लेकिन देशहित को ध्यान में रखकर विचार कर रहे हैं। सभी घाटों और कुंडों के पदाधिकारियों से सुझाव मांगे गए हैं। उनसे सलाह मांगी है कि इस वर्ष देव दीपावली का क्या स्वरूप हो, शारीरिक दूरी बनाकर आयोजन करना संभव है कि नहीं या कुछ दीपक जलाकर केवल परंपरा का निर्वहन किया जाए। इस विषय पर पदाधिकारी एक सप्ताह में सुझाव दे देंगे। इसके बाद बैठक की जाएगी।

उत्सव में शामिल होने के लिए मेहमानों के फोन आने शुरु हो गए हैं

उत्सव में शामिल होने के लिए मेहमानों के फोन आने शुरु हो गए हैं, लेकिन अभी असमंजस की स्थित है। मेहमानों के कहने पर कमरे बुक कर रहे हैं। उत्सव हुआ तो उनकी खातिरदारी के लिए तैयार हैं। यदि किन्हीं कारणों से आयोजन रद हुआ तो बुकिंग कैंसिल कर रुपये वापस करेंगे।

-गोकुल शर्मा, अध्यक्ष बनारस होटल एसोसिएशन


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