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Dev Deepawali 2020: देवों के स्वागत में दीपों की कालीन बिछाने को तैयार शिवनगरी, आएंगे पीएम मोदी

Dev Deepawali 2020 गंगा के घाट से चौक-चौराहों तक हर कदम नगर के सबसे विराट उत्सव की तैयारियों की धूम ही नजर आ रही है। कोशिशों की मंशा बस इतनी कि पर्व को कुछ ऐसा शृंगार दें कि जो देखे उसका दिल इस आयोजन पर फिदा हो जाए।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 09:09 AM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 09:56 AM (IST)
Dev Deepawali 2020: देवों के स्वागत में दीपों की कालीन बिछाने को तैयार शिवनगरी, आएंगे पीएम मोदी
देव दीपावली महोत्सव कुछ घंटों बाद देवों के देव महादेव की नगरी काशी के द्वार पर दस्तक देने वाला है।

वाराणसी [कुमार अजय]। 33 करोड़ देवताओं के स्वागत में दीपों की कालीन बिछाने वाला, अपनी चटखीली रंगत से सारे जहां के दिल में उतर जाने वाला और दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशोत्सव के रूप में सात समंदर पार तक छा जाने वाला देव दीपावली महोत्सव महज कुछ घंटों बाद देवों के देव महादेव की नगरी काशी के द्वार पर दस्तक देने वाला है। ऐसे में सात वार तेरह त्योहार की उपाधि से अलंकृत शिव की नगरी तैयारियों को लेकर उतावली हुई जा रही है। देव दीपावली के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 नवंबर को वाराणसी आएंगे। पीएम मोदी वाराणसी को कई परियोजनाओं की सौगात भी देंगे।

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देव दीपावली के मौके पर गंगा के घाट से चौक-चौराहों की बाट तक बस हर कदम नगर के सबसे विराट उत्सव की तैयारियों की धूम ही नजर आ रही है। कोशिशों की मंशा बस इतनी कि पर्व को कुछ ऐसा शृंगार दें कि जो देखे उसका दिल इस इंद्रधनुषी आयोजन पर फिदा हो जाए। कोरोना महामारी का यह दुष्कर काल दुनिया के नक्शे से विदा हो जाए।

हमारी उपस्थिति ऐन दोपहरी दशाश्वमेध घाट पर है, जहां गंगा सेवा निधि के बैनर तले देश की खातिर शहीद हुए जवानों को हर दीया समर्पित किया जाना है। राजधानी दिल्ली के इंडिया गेट की अनुकृति बनाकर जैसे समूचा उत्सव ही राष्ट्रीय पर्व के नाम कर दिया गया है। संस्था के कार्यालय में मानो भूचाल आया हुआ है। बीस हजार दीयों, बीस ठे रूई के गांठ, तेल के दो और पीपों के साथ हांफते हुए प्रवेश करते हैं संस्था के कर्ताधर्ता हनुमान यादव। जैन घाट के ढलुआ प्लेटफार्म पर शुभ स्वास्तिक का प्रतीक बनवाने के बाद निश्चिंत हुए व्यवस्थापक सुरेंद्र जैन बताते हैैं कि शुभ का यह प्रतीक पर्व के दिन सैकड़ों दीयों से जगमगाएगा।

महामारी के अंधकार के बीच भी अच्छे दिनों की उम्मीदों को परवान चढ़ाएगा। केदारघाट पर भी देर शाम तक नौजवानों की जमघट, सबकी राय एक कि घाट को दीपमालाओं से कुछ ऐसे जगमगाया जाए कि महोत्सव का दृश्यावलोकन करने गंगा भ्रमण पर निकले पीएम मोदी की आंखों में भी अपने घाट का ठाठ हमेशा के लिए अंकित हो जाए।

उधर, युवा कलाकार चांदनी रात में भी गंगा पार डटे हैं। रेती पर शेषनाग की प्रतिकृति बनाने में दोपहर से तल्लीन शिल्पी इस सिहरन में भी पसीना पोंछते अभी-अभी हटे हैं। प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक भी दीया जलाने की अपनी जिम्मेदारी को आपस में ही बांट रहे हैं।

होटल संचालक गोकुल शर्मा बताते हैं कि विदेशी मेहमानों की आमद यकीनन शून्य है, मगर स्वदेशी पर्यटकों की भीड़ बढ़ती जा रही है। हम सबने कोरोना काल की पाबंदियों पर पूरी तरह अमल लाते हुए अतिथियों के स्वागत का बेहतरीन इंतजाम किया है। इस उम्मीद में कि अबकी थोड़ा कमतर ही सही, किंतु आए हुए अतिथिगण अपनी आंखों में ज्योतिधारा की छवियां काजल की तरह संजोकर वापस जाएं, बाबा विश्वनाथ की कृपा से संकट काल कटे और अगली बार हम लाखों अतिथियों के साथ झूम कर देवों की नगरी में देव दीपावली मनाएं। 


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