Dev Deepawali 2020 : काशी में देवों की दीपावली के बीच PM Modi का भी हो रहा आगमन
Dev Diwali History Significance देव दीपावली पर नदियों और सरोवरों के तट पर दीप जलाने की परंपरा मत्स्यावतार से जुड़ी मानी जाती है। यह काशी का अनोखा जल उत्सव भी है जिसमें इस बार पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। काशी में मां गंगा के तट पर अर्धचंद्राकार घाटों की श्रंखला में दीपों की रंगोली सजने और देव दीपावली के आयोजन में अब 36 घंटों से भी कम समय बचा है। देव दीपावली पर नदियों और सरोवरों के तट पर दीप जलाने की परंपरा मत्स्यावतार से जुड़ी मानी जाती है। यह काशी का अनोखा जल उत्सव भी है जिसमें इस बार पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं। एक दिन पूर्व ही पीएम के आगमन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और अब घाटों की साज सज्जा का दौर चल रहा है।
काशी में गंगा की उत्तर वाहिनी जलधारा में फिर से उतरेगी आकाशगंगा।
देव दीपावली के उपलक्ष्य में गंगा घाटों पर लाखों दीप प्रज्ज्वलित किये जाएंगे।#DevDeepawaliKashi #DiwaliKashiWali #UPNahiDekhaTohIndiaNahiDekha #UmmazingUP #Varanasi pic.twitter.com/kA4oBfuoEO— UP Tourism (@uptourismgov) November 29, 2020
आधुनिक परंपरा होने की वजह से आयोजन का कोई न तो शुभ मुहूर्त और न कोई विशिष्ट अनुष्ठान। बस कार्तिक पूर्णिमा की शाम ढलते ही नदियों और सरोवरों के तट पर दीप प्रज्जवलित कर लोक कल्याण और मंगल की कामना की जाती है। जबकि काशी में गंगा तट पर नैत्यिक आरती का लंबा दौर चलता है। इस बार पीएम नरेंद्र मोदी के आने से काशी में यह आयोजन और विशिष्ट हो जाएगा। हालांकि, पीएम के आगमन के बाद कई प्रतिबंध भी लागू हो जाएंगे जिसकी वजह से घाटों पर आयोजन तो होगा लेकिन गंगा की लहरों पर घाटों का अनुपम सौंदर्य निहारने वालों को प्रतिबंधों की दुश्वारियां झेलनी पड़ेंगी।
मां गंगा की महाआरती
देव दीपावली के अवसर पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गंगोत्री सेवा समिति द्वारा दशाश्वमेध घाट पर मांं गंगा की विशेष पूजन अर्चन और महाआरती का आयोजन किया जाएगा। इस बाबत जागरण को आयोजन समिति ने बताया कि 21 बटुकों और 42 रिद्धि सिद्धि द्वारा मां गंगा की महाआरती होगी। धार्मिंक अनुष्ठान का श्री गणेश मंगलाचरण से होगा। इसके पश्चात समिति के संस्थापक अध्यक्ष किशोरी रमण दूबे (बाबू महाराज) के सान्निध्य में मां गंगा का शास्त्रोक्त विधि से पूजन के क्रम में अभिषेक होगा ।
देव दीपावली की आधुनिक परंपरा
वैसे तो गंगा तट पर हर पूर्णिमा पर मां गंगा को दीपदान की परंपरा रही है। मगर मत्स्यावतार की मान्यता के बीच वर्ष 1986 में पूर्व काशी नरेश विभूति नारायण सिंह ने धर्मगुरुओं की सलाह पर पंचगंगा घाट स्थित हजारा दीप को जलाकर देव दीपावली की शुरूआत कराई थी। वहीं प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर सबसे पहले आरती की शुरुआत वर्ष 1991 से हुई है, जबकि 14 नवंबर वर्ष 1997 से गंगा आरती यहां पर प्रतिदिन की जाने लगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 नवंबर को देवदीपाली पर आएंगे। वाराणसी में लगभग सात घंटे रहेंगे। पीएम का प्रोटोकाल जिला प्रशासन को प्राप्त हो चुका है। पीएम सबसे पहले दोपहर सवा दो बजे के आसपास खजुरी हेलीपैड पर उतरेंगे। नेशनल हाइवे की राजातालाब से हंडिया तक 2447 करोड़ की लागत से बने 72.64 किमी लंबे सिक्स लेन सड़क का लोकार्पण करने के बाद जनसभा को संबोधित करेंगे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री खजुरी में लगभग 40 मिनट तक रहेंगे। इसके बाद विमान से डोमरी आएंगे। डोमरी से फिर वाहन से श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पहुंचेंगे। कारिडोर को देखने के बाद मंदिर प्रशासन की ओर से एक प्रजेंटेशन भी रखा जाएगा। इसके बाद वह राजघाट आएंगे। प्रधानमंत्री राजघाट पर सवा पांच बजे पहला दीपक जलाएंगे। पीएम के दीपक जलाते ही सभी घाटों पर दीये जलने शुरू हो जाएंगे।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि एमएलसी चुनाव को देखते हुए पीएम के कार्यक्रम वास्ते निर्वाचन आयोग से अनुमति मांगी गई थी, आयोग ने कुछ शर्तों के साथ हरी झंडी दे दी है। राजघाट पर पीएम लगभग 45 मिनट तक रहेंगे। पर्यटन विभाग की वेबसाइट पावन पथ की लांङ्क्षचग के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने के बाद शाम 5.45 बजे से बोट से देवदीपावली को निहारेंगे। चेतङ्क्षसह किला पर लेजर शो देखने के बाद शाम साढ़े सात बजे के आसपास सारनाथ पहुंचकर लाइट एंड साउंड शो को देखेंगे। लगभग 40 मिनट सारनाथ में गुजारने के बाद रात सवा आठ बजे बाबतपुर एयरेपार्ट के लिए प्रस्थान करेंगे। इसके बाद विमान से रात नौ बजे के करीब प्रस्थान करेंगे।
ड्यूटी पर सिर्फ कोरोना निगेटिव की ही तैनाती
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए देवदीपावली पर तैनात सभी अधिकारियों व कर्मियों की कोरोना जांच करायी जा रही है। आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा। पाजिटिव आने वालों को हटा दिया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान शारीरिक दूरी का पूरी तरह अनुपालन कराया जाएगा। मास्क सभी के लिए अनिवार्य होगा। मास्क के बिना किसी को देवदीपावली पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। प्रशासन की ओर से भी मास्क की व्यवस्था की जाएगी।
नदी में फ्लोटिंग डिवाइडर, अस्सी से ललिता घाट तक चलेंगी नाव
जिलाधिकारी ने कहा कि अस्सी घाट से ललिता घाट तक पूरे समय नौकाएं चलेंगी। ललिता घाट से राजघाट तक वीवीआइपी उच्च स्तरीय सुरक्षा वाली नौकायन बेड़े के तीन मूवमेंट की वजह से इस घाट के मध्य जनसामान्य के लिए नौकायन शाम साढ़े छह बजे के बाद अनुमन्य होगा। राजघाट से ललिता घाट के मध्य खाली नाव खडी रह सकेंगी परंतु यात्री शाम साढ़े छह बजे के बाद ही बैठ कर घूम सकेंगे। ललिता घाट से अस्सी घाट के मध्य नदी में फ्लोटिंग डिवाइडर लगाए गए हैं। जनसामान्य को कोई दिक्कत न हो इसलिए उनकी नाव घाट से डिवाइडर के बीच और वीवीआइपी मूवमेंट डिवाइडर और नदी की रेत के बीच रहेगी।
आतिशबाजी पर प्रतिबंध
एनजीटी की ओर से 30 नवंबर तक आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाया गया है। कोहरे और देव दीपावली पर धुंए की वजह से विजिबिलिटी कम न हो इसके लिए आतिशबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि पहले से जो संस्थाएं पारंपरिक रूप से घाटों पर आरती या सांस्कृतिक कार्यक्रम करती हैं, वे इस बार भी उत्साह से करें। इसकी अनुमति है, परंतु कोई भी तेज आवाज में डीजे न बजाएं। आरती व लाउडस्पीकर की आवाज एक घाट से दूसरे पर नहीं जानी चाहिए।
संस्कृति विभाग 15 घाटों पर करेगा कार्यक्रम
15 घाटों पर संस्कृति विभाग द्वारा वीवीआइपी मूवमेंट के रास्ते पर 20 से अधिक स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जनसामान्य भी कार्यक्रम कर सकते हैं। सभी नगर वासियों से अनुरोध है कि वे अपने घरों को दीये, मोमबत्ती और बिजली की झालर से सजाएं। राजघाट का कार्यक्रम पूर्ण रुप से निमंत्रण कार्ड आधारित है। निमंत्रण कार्ड जरूर लेकर आएं पर इसके साथ कोई ऐसी वस्तु न लाएं जो प्रतिबंधित हो। वरना प्रवेश मुश्किल होगा। प्रवेश देने से पहले सभी के तापमान की जांच कराई जाएगी। बुखार होने पर प्रवेश नहीं मिलेगा।