Dev Deepavali 2020 : सारनाथ में लाइट एंड साउंड शो के निर्माण पर खर्च हुए 7 करोड़ 88 लाख
प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए सारनाथ को पूरी तरह से तैयार किया गया है। पुरातात्विक खंडहर की दीवारें रंग रोगन के बाद चहक रही हैं। अनगारिक धर्मपाल मार्ग रंगीन रोशनी से जगमग है।पीएम का सारनाथ में आगमन व इस शो को देखना सारनाथ के पर्यटन को एक नई दिशा देगा।
वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए सारनाथ को पूरी तरह से तैयार किया गया है। पुरातात्विक खंडहर की दीवारें रंग रोगन के बाद चहक रही हैं। अनगारिक धर्मपाल मार्ग रंगीन रोशनी से जगमग है। देव दीपावली पर गंगा घाट पर दीपक जलाने के बाद जब प्रधानमंत्री शाम साढ़े सात बजे के करीब सारनाथ आएंगे तो वह खंडहर परिसर के मुख्य द्वार से गोल्फ कार्ट से 315 मीटर की दूरी तय कर लाइट एंड साउंड स्थल पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री समेत विशिष्टजन भी साथ शामिल हुए। महात्मा बुद्ध के जीवन पर आधारित इस लाइट एंड शो कार्यक्रम को देखने के लिए पहुंचे। निश्चित पीएम का सारनाथ में आगमन व इस शो को देखना सारनाथ के पर्यटन को एक नई दिशा देगा।
सूचना विभाग की ओर से लगाए गए बड़े बड़े होर्डिंग इस कार्यक्रम में चार चांद लगा रहे हैं। इस क्षेत्र में गंदगी का कहीं नामो निशान नहीं है। पाथवे की रेलिंग तक पेंटिंग हुई है। कोरोना संक्रमण के कारण पुरातात्विक खंडहर को सैनिटाइज के साथ ही मच्छरों के बचाव के लिए नगर निगम की ओर से फागिंग भी कराया गया।
खंडहर के साथ ही मंदिर में भी पर्यटको का प्रवेश रहा बंद
प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर पुरातात्विक खंडहर पहले से ही पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। वहीं मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर पार्क को भी अपराह्न तीन बजे सुरक्षा के दृष्टिगत से बंद कर दिया गया है। पुलिस अधिकारियों ने अपराह्न तीन बजे पार्क में दूर दराज से आए लोगों को बाहर करते हुए सोमवार तक के लिए प्रवेश पर रोक लगा दी है।
लाइट एंड साउंड शो की खास बातें
--निर्माण पर खर्च 7 करोड़ 88 लाख
-वर्ष 2016 में शुरू हुआ था निर्माण
-कार्यदायी संस्था रही पीडब्ल्यूडी
-9 नवम्बर 2020 को पीएम ने वर्चुअल किया लोकार्पण।
-लाइट एंड साउंड शो में सिनेस्टार अमिताभ बच्चन की रिकार्डिंग आवाज है।
-हिंदी व अंग्रेजी भाषा में महात्मा बुद्ध के जीवन वृतांत को शो में दर्शाया गया है।
सन्नाटे में रहा सारनाथ
सारनाथ में सोमवार को गुरुनानक जयंती पर अवकाश के कारण चहल पहल रहती है लेकिन प्रधानमंत्री के आगमन के कारण पूरा क्षेत्र छावनी में तब्दील नजर आया। दूर दराज से आए पर्यटकों को निराशा हुई। पुरातात्वकि खंडहर समेत अन्य प्रमुख स्थलों को नहीं देख सके।