वेटिंग टिकट पर नहीं हों परेशान, डिवाइस में पता चलेगा अगले स्टेशनों की खाली सीटों का ब्योरा
अगर आपका टिकट कंफर्म नहीं हुआ है तो टीटीई के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा। टिकट निरीक्षकों को भी चार्ट का बंडल में माथापच्ची नहीं करनी पड़ेगी।
वाराणसी, जेएनएन। अगर आपका टिकट कंफर्म नहीं हुआ है तो टीटीई के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा। टिकट निरीक्षकों को भी चार्ट का बंडल में माथापच्ची नहीं करनी पड़ेगी। अब उत्तर रेल प्रशासन ने टीटीई के लिए हैंड हेल्ड टर्मिनल देने का फैसला किया है। एचएचटी के आने के बाद टैब नुमा इस डिवाइस में आगे के स्टेशनों में बुकिंग और सीटों की रियल टाइम जानकारी मिल जाएगी। इनके आधार पर आपको सीट मिलने में आसानी होगी। इसके लिए कैंट स्टेशन पर तैनात टिकट परीक्षकों व निरीक्षकों की संख्या का ब्यौरा मांगा गया है। सीआइटी धर्मेंद्र मिश्रा ने मुख्यालय को 135 निरीक्षकों की सूची भेज दी है। इन डिवाइसों के कैंट स्टेशन पहुंचने में एक माह का समय लग सकता है।
सीटों की उपलब्धता होगी ऑनलाइन
हैंड बिल्ड मशीन के आने के साथ ही सीटों की उपलब्धता भी ऑनलाइन करने की कवायद आइआरसीटीसी द्वारा की जा रही है। हैंडबिल्ड मशीन आने के बाद इस व्यवस्था को कैंट स्टेशन के सर्वर पर भी लागू कर दिया जाएगा।
वंदे भारत एक्सप्रेस में इस्तेमाल हो रहा डिवाइस
उत्तर रेलवे जोन में इस डिवाइस का प्रयोग शुरू हो गया है। इसे सबसे पहले दिल्ली से चलने वाली राजधानी ट्रेनों में किया गया था। हाल में वाराणसी से नई दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
-टिकट चेकिंग कार्य को पारदर्शी और वेटिंग के यात्रियों की सहूलियत के लिए इन हैंड हेल्ड टर्मिनल को जल्द लखनऊ मंडल के सभी टिकट निरीक्षकों व परीक्षकों को दे दिया जाएगा।
-संजय त्रिपाठी, डीआरएम, उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल।
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