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पूर्वांचल के नकल माफिया हिटलिस्ट में, बंद हुआ कापियां बदलने का धंधा : डा. दिनेश शर्मा

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ स्थापना समारोह एवं समसामयिक परिदृश्य में एकात्म मानववाद राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 01:36 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 01:36 PM (IST)
पूर्वांचल के नकल माफिया हिटलिस्ट में, बंद हुआ कापियां बदलने का धंधा : डा. दिनेश शर्मा
पूर्वांचल के नकल माफिया हिटलिस्ट में, बंद हुआ कापियां बदलने का धंधा : डा. दिनेश शर्मा

जौनपुर (जेएनएन)। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ स्थापना समारोह एवं समसामयिक परिदृश्य में एकात्म मानववाद राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। आयोजन को संबोधित करते हुए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री प्रो. दिनेश शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय छात्र डिग्री धारी नहीं बल्कि जीवन यापन का जरिया बनें, जिसकी आज बहुत जरूरत है। विवि में पठन-पाठन और शोध अच्छा होना चाहिए। इसलिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ किया गया है। जिसके लिए सभी विवि को 2 करोड़ से पांच करोड़ दिया गया है। सरकार ने अच्छी शिक्षा के उद्देश्य से शोध केंद्र खोला है।

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विश्वविद्यालय में चौमुखी विकास की कल्पना होनी चाहिए। इपोर्टल, शोध गंगा, ईलाइब्रेरी शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव किया सरकार ने। परीक्षा को नकल विहीन कराने में काफी सफलता मिली है। इस बार अपनी स्टाइल से चलाऊंगा और सब बंद हो जाएगा। जिलाधिकारी को निर्देशित कर अच्छे कालेजों की चिह्नित किया जाएगा। भैंस का बाड़ा अब परीक्षा केंद्र नहीं बनेगा। 921 करोड़ का प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षकों को दिया ताकि जिंदा बाद और मुर्दाबाद शिक्षक को जरूरत न पड़े। स्ववित्त पोषित महाविद्यालय में 55 हजार प्राचार्यों को रखने की सुविधा किया है। हर दिशा में पारदर्शिता बरती जा रही है। सबसे अधिक शिक्षा के क्षेत्र में किया जा रहा है। 1642 शिक्षकों की पारदर्शिता से विश्वविद्यालय में नियुक्ति की गई है।

नकल पर लगाम और बेहतर शिक्षा के लिए परमानेंट शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। शोध में संख्या महत्वपूर्ण नहीं है। संख्या कम हो लेकिन शोध अच्छा होना चाहिए। बदलते हुए समय में उत्तर प्रदेश तेजी से बदल रहा है। मुख्यमंत्री की सोच है कि प्रदेश में रोजगार परक शिक्षा दी जानी चाहिए। पूविवि विदेशी भाषा में शिक्षा शुरू करे हरसंभव मदद की जाएगी। बिल्डिंग पुरानी हो चलेगा लेकिन शिक्षा अच्छी होनी चाहिए। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने जातीय मजहब से उठकर राजनीति किया।सामूहिक नेतृत्व के बदौलत समाज का विकास संभव है। जो शिक्षक पड़ता लिखता है वह श्रेष्ठ अध्यापक बनता है। छात्रों में सीखने की ललक होनी चाहिए। छात्रों को सपना हमेशा बड़ा देखना चाहिए। और उसे पूरी करने की ललक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरु और शिष्य का संबंध पवित्र होना चाहिए, तभी शिक्षा तरक्की करेगी। शिक्षण संस्थाएं स्वास्थ्य राजनीति की परिचायक बनें। सबसे अधिक सिविल सर्विसेस में लोग जौनपुर और इलाहाबाद के है। 

विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय संयोजक अरुन्धती वशिष्ठ अनुशंधान पीठ इलाहाबाद डॉ. चंद्र प्रकाश सिंह, नगर विकास राज्य मंत्री गिरीश चंद्र यादव ने संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. राजाराम यादव ने की। संचालन डॉ. मनोज मिश्रा ने किया।


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