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प्रधानमंत्री के नाम 'आदर्श नरेंद्र दामोदर दास मोदी जनकल्याण ट्रस्ट' बनाने की विभागीय जांच शुरू

वाराणसी में आदर्श नरेंद्र दामोदर दास मोदी जनकल्याण ट्रस्ट का उप निबंधन कार्यालय में पंजीयन होने के मामले की विभागीय जांच शुरू हो गई है। जांच ट्रस्ट के पंजीयन से लेकर इसके निरस्त होने तक के पूरे मामले की होगी।

By Edited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 11:25 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 11:29 PM (IST)
प्रधानमंत्री के नाम 'आदर्श नरेंद्र दामोदर दास मोदी जनकल्याण ट्रस्ट' बनाने की विभागीय जांच शुरू
जांच ट्रस्ट के पंजीयन से लेकर इसके निरस्त होने तक के पूरे मामले की होगी।

वाराणसी, जेएनएन। 'आदर्श नरेंद्र दामोदर दास मोदी जनकल्याण ट्रस्ट' का उप निबंधन कार्यालय में पंजीयन होने के मामले की विभागीय जांच शुरू हो गई है। जांच ट्रस्ट के पंजीयन से लेकर इसके निरस्त होने तक के पूरे मामले की होगी। आवेदन करने पर सब रजिस्ट्रार ने जांच किस स्तर तक की, यदि जांच की तो उसमें क्या गड़बड़ी मिली, गड़बड़ी मिलने पर सब रजिस्ट्रार ने क्या कार्रवाई की आदि पूरे घटनाक्रम से स्थानीय अधिकारी ने मुख्यालय को अवगत करा दिया है।

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संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही मुख्यालय से एक जांच टीम बनारस पहुंचेगी। स्थानीय विभागीय जांच शुरू होने से अधिकारियों और कर्मचारियों में बेचैनी बढ़ गई है। उप निबंधन कार्यालय में ट्रस्ट पंजीयन के लिए आवेदन आने पर संबंधित अधिकारी गहनता से जांच करते हैं। प्रपत्रों की जांच करने के साथ यह भी देखा जाता है कि आवेदक की मंशा क्या है। ट्रस्ट पंजीयन में आवेदक के पदाधिकारी के साथ सदस्यों का आधार कार्ड, फोटो, मोबाइल नंबर लिखा जाता है। पुलिस और तहसील की रिपोर्ट भी लगती हैं। जांच में यह भी देखा जाएगा कि क्या इन ¨बदुओं पर विभागीय अधिकारी ने रिपोर्ट मंगाने के साथ सबकी जांच-पड़ताल की थी। जिला प्रशासन के हस्तक्षेप पर 29 अक्टूबर को ट्रस्ट का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है। वहीं, विभागीय अधिकारी बैठक कर जांच में बचने का रास्ता ढूंढते रहे हैं।

इधर, सब रजिस्ट्रार ने ली विधिक राय : विभागीय जांच में फंसने के डर से शनिवार को उप निबंधन कार्यालय में अधिकारियों ने अधिवक्ताओं संग बैठक कर विधिक राय ली। उधर, आइबी और एलआइयू ने भी जांच शुरू कर दी है। दोनों विभागों के अधिकारी अपने-अपने स्तर से लोगों से पूछताछ करने के साथ ही साक्ष्य जुटाते रहे। वह जल्द ही अपनी रिपोर्ट बनाकर अपने उच्चाधिकारियों को भेजेंगे।


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