रफ्तार पकड़ते ही Varanasi वस्त्र कारोबार पर बंदी का ब्रेक, दीपावली व लगन के मद्देनजर बढ़ी थी मांग
कोरोना काल में करीब सात माह बेगारी का दंश झेलने के बाद बुनकरों की सारी उम्मीदें दीपावली और ठंड के लगनी सीजन पर टिकी थीं। बुनकर अब कारोबार के साथ ही फ्लैट रेट पर बिजली के मुद्दे पर दोहरी चुनौती का सामना कर रहे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना काल में करीब सात माह बेगारी का दंश झेलने के बाद बुनकरों की सारी उम्मीदें दीपावली और ठंड के लगनी सीजन पर टिकी थीं। दीपावली व लगन के मद्देनजर ठीक-ठाक आर्डर मिलने भी लगे थे, मगर बाजार ने जैसे ही रफ्तार पकडऩी शुरू की, फ्लैट रेट पर बिजली की मांग को लेकर बंदी ने यकायक इस पर ब्रेक लगा दिया। बुनकर अब कारोबार के साथ ही फ्लैट रेट पर बिजली के मुद्दे पर दोहरी चुनौती का सामना कर रहे हैं।
बनारस की पहचान से जुड़े वस्त्रोद्योग ने दिसंबर, जनवरी और फरवरी में करीब 1500 करोड़ रुपये का कारोबार किया था। इसने लगभग छह लाख बुनकर परिवारों के सपनों में उड़ान भर दी थी। होली, नवरात्र, ईद व लगन में लगभग 2000 करोड़ रुपये के व्यापार का अनुमान था। दिन-रात एक कर खुशियां बटोर लेने का पूरा खाका और माल भी तैयार लेकिन, इससे पहले ही कोरोना संकट व लाकडाउन ने किए धरे पर पानी फेर दिया। स्थानीय बाजार के साथ ही विदेश से भी आर्डर आने बंद हो गए थे।
दरअसल, बनारसी वस्त्रोद्योग पूरी तरह त्योहार-पर्व एवं सामाजिक आयोजन से जुड़ा कारोबार है। देशभर में आवागमन लगभग शुरू हो चुका है। शादी-ब्याह और सामाजिक आयोजनों को कुछ शर्तों के साथ छूट भी मिलने लगी है। ऐसे समय में बंदी से कारोबार को बड़ा झटका लगा है।
बुनकरों को राहत दे सकते हैं सीएम
फ्लैट रेट पर बिजली की मांग को लेकर पावरलूम बुनकरों की बंदी 15वें दिन भी जारी रही। इस क्रम में कई स्थानों पर कैंडिल मार्च भी निकाला गया। बुनकर महासभा उप्र के पदाधिकारियों के मुताबिक शनिवार को वाराणसी प्रवास के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ बुनकरों से मुलाकात कर उनकी समस्या का निराकरण कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए समय अभी तय नहीं हो पाया है। सूत्रों के मुताबिक सीएम कार्यालय की ओर से सहमति मिलने के बाद बुनकरों का प्रतिनिधिमंडल सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सकता है।