सारनाथ रेलवे स्टेशन पर महत्वपूर्ण ट्रेनों को रोकने की मांग, पर्यटन को बढ़ावा के साथ मिलेंगे रोजगार
सारनाथ को 100 करोड़ रुपये से विकसित करने की योजना से क्षेत्रीय लोगों में खुशी का माहौल है। वहीं पर्यटन की दृष्टि से महानगरों की ट्रेनों को सारनाथ रेलवे स्टेशन पर रोकने की मांग की है।
वाराणसी, जेएनएन। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सारनाथ को 100 करोड़ रुपये से विकसित करने की योजना से क्षेत्रीय लोगों में खुशी का माहौल है। पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। कोरोना संकट से जूझ रहे छोटे-बड़े सभी दुकानदारों में फिर से उम्मीद जग गई है। वहीं, जीर्ण-शीर्ण मंदिरों और बदहाल सड़कें दुरुस्त होने से पर्यटकों के वहां पहुंचने में आसानी होगी।
सबसे ज्यादा जरूरी है सारनाथ रेलवे स्टेशन का विकास
वर्ल्ड बैंक सहायतित प्रो-पुअर पर्यटन विकास परियोजना के अंतर्गत करीब 100 करोड़ से सारनाथ के विकास की योजना तैयार की गई है। स्थानीय व्यापारी कंचन गुप्ता का कहना है कि पर्यटन की दृष्टि से सारनाथ काफी महत्वपूर्ण है लेकिन सुनियोजित तरीके से विकास नहीं होने के चलते पर्यटकों को भरपूर सुविधा नहीं मिल पा रही थी। सारनाथ के विकास के लिए कई बार योजनाएं बनीं लेकिन पहली बार उसे अमल में लाने की तैयारी है। पर्यटन मंत्री डा. नीलकंठ तिवारी ने एक अच्छी पहल की है। इस योजना में कुछ और शामिल करने की जरूरत है जिससे बाद में कोई दिक्कत नहीं हो। सबसे ज्यादा जरूरी है सारनाथ रेलवे स्टेशन का विकास। साथ ही कुछ महानगरों की ट्रेनों को सारनाथ में रोका जाए। इससे दो फायदे होंगे। पहला सारनाथ में पर्यटक बढ़ेंगे और दूसरा कैंट रेलवे स्टेशन पर भीड़ कम होगी।
रिंग रोड व रेलवे स्टेशन प्रवेश मार्ग पर नया द्वार बनेगा
पर्यटन विकास के दौरान चौखंडी से रेलवे स्टेशन तक पाथ-वे निर्माण संग तीन प्रवेश द्वार बनेंगे। इसमें एक द्वार आशापुर में पहले से बना है। वहीं, रिंग रोड व रेलवे स्टेशन प्रवेश मार्ग पर नया द्वार बनेगा जिस पर बुद्ध के साथ काशी की झलक मिलेगी। 26 मंदिरों के मार्ग अंतरराष्ट्रीय स्तर के होंगे। म्यूजियम से सारनाथ तक मार्ग का सुंदरीकरण होगा। पार्क का विस्तार कर सुंदर बनाया जाएगा। सम्राट अशोक के समय में बने नाले को ढका जाएगा। बौद्ध-जैन धर्म पर आधारित आध्यामिक पुस्तकालय बनेगा। कौशल विकास सेंटर होंगे जहां कलाकार कलाकृति का मूल्यांकन कर सकेंगे।