वाराणसी ज्ञानवापी से जुड़े मामलों को एक ही अदालत में सुनने की मांग, चार महिलाओं की ओर से प्रार्थना पत्र दाखिल
वाराणसी ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े विभिन्न अदालतों में लंबित सात अलग-अलग दावों (मुकदमों) की जिला जज की अदालत में सुनवाई करने की अपील पर सुनवाई बुधवार को जिला जज की अदालत में हुई। जिला जज डा.अजय कृष्ण विश्वेश ने दावों की प्रति प्रतिवादी पक्ष को देने का आदेश दिया है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े विभिन्न अदालतों में लंबित सात दावों (मुकदमों) की जिला जज की अदालत में सुनवाई करने के प्रार्थना पत्र बुधवार को सुनवाई हुई। जिला जज डा.अजय कृष्ण विश्वेश ने प्रार्थना पत्र की प्रति प्रतिवादी पक्ष को देने का आदेश दिया है। इस पर अपना पक्ष रखने का अवसर देते हुए पांच दिसंबर की तिथि तय की है।
प्रार्थना पत्र को ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग करने वाली पांच में से चार महिलाएं लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू देवी, रेखा पाठक ने वकील सुधीर त्रिपाठी के माध्यम से दाखिल किया है। जिन मामलों को जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की गई है उनमें से छह सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में लंबित हैं। एक मामला सिविल जज सीनियर डिविजन (फास्ट ट्रैक) की अदालत में है।
सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में लंबित हैं ये मामले
-18 फरवरी 2021 को सुप्रीम कोर्ट के वकीलों हरिशंकर जैन,रंजना अग्निहोत्री ने दावा दाखिल किया है। इसमें ज्ञानवापी परिसर को काशी विश्वनाथ का मूल मंदिर स्थान बताते हुए भगवान आदि विश्वेश्वरनाथ और देवी श्रृंगार गौरी समेत अन्य देवों की अनवरत सेवा पूजा का अधिकार की मांग की गई है।
-19 मार्च 2019 को महाराष्ट्र प्रांत निवासी सुरेश चह्वाण ने दावा दाखिल किया है। इसमें ज्ञानवापी परिसर स्थित आदि विश्वेश्वर नाथ को अराध्यदेव बताते हुए उनकी पूजा करने का अधिकार देने की मांग की है।
-14 सितंबर 2021 को ज्योर्तिलिंग भगवान आदि विश्वेश्वर की ओर से शीतला माता मंदिर के महंत पं.शिव प्रसाद पांडेय ने दावा दाखिल किया है।
-14 सितंबर 2021 को मीरघाट निवासी सितेंद्र चौधरी एवं अन्य ने और नंदी जी महाराज की ओर दावा दाखिल किया गया है।
-2021 में लखनऊ निवासी सत्यम त्रिपाठी, पवन कुमार पाठक आदि ने दावा दाखिल किया है। विश्वेश्वरनाथ एवं अन्य देवी-देवताओं के दर्शन-पूजन का अधिकार देने की मांग की है।
-4 जून 2022 को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। इसमें ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग को आदि विश्वेश्वर बताते हुए नियमित पूजा-पाठ, राग-भोग की मांग की गई है।
सिविल जज सीनियर डिविजन (फास्ट ट्रैक) की अदालत में लंबित है ये मामला
- 24 मई 2022 को भगवान आदि विश्वेश्वर की ओर से विश्व वैदिक सनातन संघ की अतंरराष्ट्रीय महामंत्री किरन सिंह ने दावा दाखिल किया है। सुनवाई इसी अदालत में हो रही है। इसमें ज्ञानवापी परिसर भगवान आदि विश्वेश्वर को सौंपने की मांग की गई है।
अन्य मामले भी हैं अदालतों में लंबित
राखी सिंह समेत पांच महिलाओं की ओर से जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन समेत अन्य मांगों को लेकर मुकदमा चल रहा है।
सिविल जज सीनियर डिवीजन (फ़ास्ट ट्रैक) महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में कई मुकदमे चल रहे हैं। ज्ञानवापी परिसर में कब्रों का जिक्र करते हुए उर्स, चादर, गागर समेत अन्य धार्मिक कार्यों की मांग करने वाले प्रार्थना पत्र सुनवाई यहीं हो रही है। इसे लोहता के मुख्तार अहमद समेत अन्य चार लोगों की ओर से दाखिल किया गया है।
अविमुक्तेश्वर भगवान की ओर से दिल्ली निवासी हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता व खजुरी निवासी अजीत सिंह के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हो रही है। इसमें ज्ञानावपी परिसर में मिले शिवलिंग के नियमित दर्शन-पूजन की मांग की गई है।
ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाने में गंदगी करने और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पर मुकदमा दाखिल करने की मांग को दाखिल दावा पर सुनवाई एसीजेएम पंचम एमपी/एमएलए उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में हो रही है। इसे वकील हरिशंकर पांडेय की ओर से दाखिल किया गया है। ज्ञानवापी परिसर में पुरातात्विक सर्वेक्षण के मामले में दाखिल निगरानी याचिका पर सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन (फास्ट ट्रैक) की अदालत में लंबित है। इसमें विजय शंकर रस्तोगी वाद मित्र हैं।