धमका रहे हैं दबंग, असलहे को 438 ने मांगें लाइसेंस
शस्त्र लाइसेंस पर लगी रोक हटते ही कलेक्ट्रेट में आवेदन करने वालों की भीड़ लग गई है। लोग अधिवक्ताओं से फाइल तैयार करवाकर शस्त्र काउंटर पर जमा करा रहे हैं।
वाराणसी (जेपी पांडेय ) : योगी सरकार में शस्त्र लाइसेंस पर लगी रोक हटते ही कलेक्ट्रेट में आवेदन करने वालों भीड़ लग गई है। वे अधिवक्ताओं से फाइल तैयार कराकर शस्त्र काउंटर पर जमा करा रहे हैं। काउंटर पर रोज 30 से 40 आवेदन फार्म जमा हो रहे हैं, सिर्फ 18 दिन में 438 लोगों ने आवेदन किया है। फाइल तैयार करने वाले टाइपिट्स के पास सप्ताहभर का एडवांस काम पड़ा है। व्यापारी और चिकित्सक शपथपत्र दे रहे हैं कि साहब दबंग लोग हमें धमकाते है, इसलिए लाइसेंस दे दीजिए। असलहा लिपिक आवेदन फार्म लेने के साथ आख्या के लिए तहसील और पुलिस को फाइल भेज दे रहे हैं। साथ में डीएम से जुगाड़ खोज रहे हैं।
प्रदेश में पुलिस से ज्यादा आम नागरिकों के पास शस्त्र लाइसेंस होने पर हाईकोर्ट ने सितंबर 2013 में शस्त्र लाइसेंस पर रोक लगा दी थी। जिलाधिकारी को स्व विवेक पर शूटर और आत्मरक्षा के लिए जरूरतमंदों को लाइसेंस जारी करने को कहा था। विगत पांच सालों में पूर्व जिलाधिकारियों ने करीब 550 शस्त्र लाइसेंस जारी भी किए। आठ अक्टूबर 2018 को शस्त्र लाइसेंस पर लगी रोक हटते ही शस्त्र के शौकीन और आत्मरक्षा के लिए आवेदन करने वालों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आदेश के दूसरे दिन से ही लोग कलेक्ट्रेट पहुंचने के साथ अधिवक्ताओं से फाइल तैयार कर आवेदन करने लगे। शस्त्र काउंटर पर नियमों को पूछने के साथ लोग आवेदन कर रहे हैं।
शस्त्र लिपिक के पास जिलेभर से रोज 30 से 40 आवेदन फार्म जमा हो रहे हैं। 18 दिन में आए 438 आवेदन फार्मो में 100 से ज्यादा कैंट थाना क्षेत्र के लोग है।
शस्त्र के लिए आवेदन करने वालों में ज्यादातर व्यापारी और चिकित्सक हैं। वे शपथपत्र दे रहे हैं कि हम व्यापार करते हैं। आए दिन लोग धमकाते रहते हैं, ऐसे में किसी भी दिन मेरे पर ऊपर जानलेवा हमला हो सकता है। आत्मरक्षा के लिए शस्त्र होना जरूरी है।
प्रदेश सरकार ने शस्त्र लाइसेंस जारी करने पर लगी रोक हटाते ही कलेक्ट्रेट में भगवा गमछे की रौनक दिखाई पड़ने लगी है। भगवाधारी सुबह कलेक्ट्रेट पहुंचने के साथ परिसर में अड़ी लगाए हुए हैं, अफसरों के यहां शस्त्र लाइसेंस जारी करने की बात कर रहे हैं लेकिन अफसर में जिलाधिकारी से मिलने की बात कह पल्ला झाड़ ले रहे हैं। स्थिति यह है कि कलेक्ट्रेट में जो उनसे शस्त्र लाइसेंस की बात कर रहा है उसे वह आवेदन करने की बात कर रहे हैं।
सूबे के मंत्री और विधायक अफसरों से शस्त्र लाइसेंस के लिए पैरवी कर रहे हैं। वे अफसरों और बाबुओं से सगे-संबधियों का आवेदन करवाने के साथ जिलाधिकारी के पास फाइल भेजने को कह रहे हैं। पहले आफ फाइल भेजिए, डीएम साहब से बात हो जाएगी।