शंघाई सहयोग संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने काशी में देखा सारनाथ, विश्वनाथ धाम और घाटों की निहारी छटा
वाराणसी में शंघाई सहयोग संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने सारनाथ के साथ ही विश्वनाथ धाम में भ्रमण करने के साथ ही गंगा घाटों की छटा निहारी और काशी के वैभव को करीब से निहार कर इसकी भव्यता को परखा।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। शंघाई सहयोग संगठन ( एससी ओ) से जुड़े दो देशों के दूतावासों के सचिवों के नेतृत्व में बनारस आए प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने बुधवार को महात्मा बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ में भारत की पुरातात्विक व ऐतिहसिक विरासत देखी। संग्रहालय में रखे राष्ट्रीय चिह्न शीर्ष सिंह की चमक को देख कर अभिभूत हुए। विदेशी मेहमानों ने महात्मा बुद्ध के जीवन दर्शन की भी जानकारी ली।
किर्गिस्तान दूतावास के प्रथम सचिव असेल अकमतकालबी व उज्बेकिस्तान के आजमजोन मन्सूरोब के नेतृत्व में दल सुबह 11 बजे महात्मा बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ पहुंचा। पुरातात्विक संग्रहालय में राष्ट्रीय चिह्न शीर्ष सिंह को चारों तरफ से घूम कर उसकी बनावट व कला को निहारा। बुद्धा गैलरी में रखी धम्म चक्र प्रवर्तन मुद्रा में भगवान बुद्ध की प्रतिमा सहित अन्य पुरावशेषों के इतिहास के बारे में जाना समझा।
पर्यटक पुलिस के निरीक्षक अच्छे लाल ने जानकारी देते हुए भगवान बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति से प्रथम उपदेश तक की यात्रा तक से रूबरू कराया। तत्पश्चात पुरातात्विक खंडहर परिसर में अशोक की लाट, प्राचीन मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर के अवशेष, धर्मराजिका स्तूप, स्मारकों के इतिहास से रूबरू होकर बौद्ध धर्म के आस्था का केंद्र धमेख स्तूप पर बनी कलाकृतियों को निहाराते।
सायंकाल दल संत रवि दास घाट पहुंचा और जलयान से नमो घाट तक गंगा के घाटों की छटा निहारी। इस बीच दशाश्वमेध घाट पर नैत्यिक सांध्य गंगा आरती की झांकी देखी। श्री काशी विश्वनाथ धाम में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने सड़क से लेकर गंगा घाट तक परिसर का अवलोकन किया। श्री काशी विश्वनाथ धाम की पौराणिकता, ऐतिहासिकता और अब विस्तारीकरण व सुंदरीकरण के बारे में भी जानकारी ली।
शंघाई सहयोग संगठन का प्रतिनिधिमंडल सोमवार शाम बनारस आया। उनके वाराणसी भ्रमण शेड्यूल में रामनगर की रामलीला देखना प्रमुख था। हालांकि दो दिनों में कोई खास प्रसंग न होने से दल लीला स्थल तो नहीं गया लेकिन मंगलवार को रामनगर दुर्ग में विजयदशमी पूजन देखने के साथ ही विजय जुलूस की सवारी देखी। परंपराओं को देख अचरज में रहे। आगे देव दीपावली और महाशिवरात्रि समेत विभिन्न पर्व -उत्सवों व आयोजनों पर भी शंघाई सहयोग संगठन के प्रतिनिधि मंडल आएंगे। उनके लिए अन्य विशेष आयोजन भी किए जाएंगे।