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Sonbhadra में बिजली की नई इकाइयों के निर्माण में हो रही देरी, आने वाले वर्षों में बढ़ेगी मांग

कोरोना संकट के कारण निर्माण कार्यों पर तगड़ा असर पड़ा है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने आगामी 2022 तक बिजली की मांग के 24 हजार मेगावाट पार होने का अनुमान लगाया था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 07:05 PM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 07:05 PM (IST)
Sonbhadra में बिजली की नई इकाइयों के निर्माण में हो रही देरी, आने वाले वर्षों में बढ़ेगी मांग
Sonbhadra में बिजली की नई इकाइयों के निर्माण में हो रही देरी, आने वाले वर्षों में बढ़ेगी मांग

सोनभद्र, जेएनएन। कोरोना संकट के कारण निर्माण कार्यों पर तगड़ा असर पड़ा है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने आगामी 2022 तक बिजली की मांग के 24 हजार मेगावाट पार होने का अनुमान लगाया था। हालांकि चालू वित्त वर्ष में ही बिजली की अधिकतम प्रतिबंधित मांग 23 हजार मेगावाट पार कर गयी। सरकार 24 घंटे बिजली देने की योजना पर काम कर रही है। ऐसे में निर्माणाधीन इकाइयों के समय से पूरा होना आवश्यक हो गया है। कोरोना संकट के बीच ज्यादातर निर्माणाधीन इकाइयों में बाधा उत्पन्न हुयी है। कई इकाइयों के निर्माण में एक वर्ष से ज्यादा की देरी हो चुकी है। कोरोना संकट को देखते हुए अभी अगले छह माह तक दिक्क्तों के यथावत रहने की संभावना है। 

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10 इकाइयों का चल रहा निर्माण

वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा 660 मेगावाट की कुल 10 इकाइयों की स्थापना पर काम कर रहा है। जिसमें छह इकाईयां उत्पादन निगम की परियोजनाओं में तथा चार इकाइयां संयुक्त उपक्रम के तहत लगाई जा रही है। इन इकाइयों के स्थापना से प्रदेश को कुल 6225 मेगावाट बिजली मिलेगी। फिलहाल ओबरा तापीय परियोजना के विस्तारीकरण के तहत ओबरा सी में दो इकाई, हरदुआगंज में एक, पनकी में एक तथा नई परियोजना जवाहरपुर में 660 मेगावाट की दो इकाइयां स्थापित हो रही हैं। इसके अलावा संयुक्त उपक्रम के तहत मेजा में एनटीपीसी के साथ दो इकाई जिसमें एक इकाई उत्पादनरत है तथा एनएलसी के साथ घाटमपुर में तीन इकाइयों की स्थापना चल रही है। इसके बाद ओबरा डी के तहत 800-800 मेगावाट की दो इकाइयों का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाया जा रहा है। इस इकाई के आने पर कुल 7825 मेगावाट की वृद्धि हो जाएगी।

इकाइयों के निर्माण में हो रही देरी

ओबरा परियोजना के विस्तारीकरण के तहत निर्माणाधीन ओबरा-सी का कार्य पूरा होने में एक वर्ष की देरी हो सकती है। दिसंबर 2016 से शुरू हुए ओबरा सी निर्माण के लिए 52 महीने का समय तय किया गया था। जिसके तहत मार्च 2021 में 660-660 मेगावाट की दोनों इकाइयों का काम पूरा होना था। लेकिन परियोजना प्रशासन के अनुसार फिलहाल ओबरा सी का कार्य अब अप्रैल 2022 में पूरा होगा। समतलीकरण में देरी के साथ मानसून और कोरोना संकट के कारण निर्माण में देरी हुयी। नए आकलन के अनुसार पहली इकाई अक्टूबर 2021 में तथा दूसरी इकाई अप्रैल 2022 में पूरी होगी। हरदुआगंज तापीय परियोजना विस्तार के तहत लग रही 660 मेगावाट की इकाई के दिसंबर 2020 तक पूरा होने की संभावना जताई गयी है लेकिन कोरोना संकट को देखते हुए इसमें कुछ माह की देरी हो सकती है। इसी तरह जवाहरपुर परियोजना में भी देरी की संभावना स्पष्ट तौर पर दिख रही है।

कोरोना संकट के कारण ओबरा सी निर्माण में बाधा उतपन्न हुई

कोरोना संकट के कारण ओबरा सी निर्माण में बाधा उतपन्न हुई है। लॉकडाउन के बाद से अभी तक इसका असर पड़ रहा है। इसके अलावा वार्षिक तौर पर मानसून सत्र के तीन माह भी काम में बाधा पहुंचाते हैं। फिर भी हमारा प्रयास है कि तय किये गए समय सीमा के अंदर निर्माण पूरा किया जाय। 

-इ. कैलाश गुप्ता, महाप्रबंधक, ओबरा सी।


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