दीपावली बाजार : वाराणसी में 36 लाख की कार, 19 लाख का हार व 3.50 लाख की बिकी बाइक
दीपावली पर मां लक्ष्मी की कृपा ऐसी बरसी की महीनों से सुस्त पड़े बाजार में करंट दौड़ गया। गिरते-घिसटते किसी तरह चल रहे कारोबार ने एकाएक राजधानी जैसी रफ्तार पकड़ ली। धनतेरस पर दो दिन में तकरीबन दस अरब रुपये का कारोबार हुआ।
वाराणसी, जेएनएन। दीपावली पर मां लक्ष्मी की कृपा ऐसी बरसी की महीनों से सुस्त पड़े बाजार में करंट दौड़ गया। गिरते-घिसटते किसी तरह चल रहे कारोबार ने एकाएक राजधानी जैसी रफ्तार पकड़ ली। धनतेरस पर दो दिन में तकरीबन दस अरब रुपये का कारोबार हुआ। वोकल फार लोकल का समर्थन करते हुए लोगों ने जमकर स्थानीय बाजारों से खरीदारी की। आटोमोबाइल्स से लेकर सोने-चांदी और फर्नीचर, इलेक्ट्रानिक, बर्तन, रेडीमेड से लेकर रियल एस्टेट का कोरोबार जमकर हुआ। दूसरे दिन सबसे महंगी बिकने वाली कारों में फाच्र्यूनर रही, जिसकी कीमत 36 लाख रुपये थी। वहीं बाइक में 3.50 लाख रुपये कीमत वाली रायल एनफील्ड इंटरसेप्टर 350 रही। स्वर्ण आभूषणों में 19 लाख रुपये में 300 ग्राम भार वाला स्टाइलिस हार रहा, जिसकी अग्रिम बुङ्क्षकग कर दी गई है। बाजार चमका तो कारोबारियों की उम्मीदें भी परवान चढ़ीं। कठिन समय में माता लक्ष्मी की असीम कृपा से स्थानीय बाजार ही नहीं देश के अर्थतंत्र को संजीवनी मिल गई है।
दीपावली का बाजार न सिर्फ घर-गृहस्थी की जरूरतों को पूरा करने वाला रहा, बल्कि इसने कोरोना के कारण मृतप्राय हो चुके कारोबार में नई जान भी डाल दी है। धनतेरस पर्व पर मां लक्ष्मी की कृपा जमकर बरसी और मंदी का अंधियारा पल में दूर हुआ। वोकल फार लोकल का नारा बुलंद हुआ तो स्थानीय उत्पादों का बाजार भी चमकने लगा। गुरुवार व शुक्रवार को दो दिन में कुल मिलाकर तकरीबन दस अरब रुपये का कारोबार हुआ। इससे बाजार को जहां प्रवाह मिला तो वहीं आटोमोबाइल्स से लेकर सोने-चांदी और फर्नीचर, इलेक्ट्रानिक, बर्तन, रेडीमेड से लेकर रियल एस्टेट के कारोबारियों की उम्मीदें परवान चढ़ी। बाजारों की ओर रुख किए ग्राहकों के निकलने का सिलसिला दूसरे दिन भी देर रात तक जारी रहा। दुकानदारों से लेकर शोरूम संचालकों तक ने स्वीकार किया कि महामारी के कठिन समय में भी मां लक्ष्मी की कृपा जमकर बरसी। यह स्थानीय बाजार ही नहीं, देश के अर्थतंत्र के भी पटरी पर लौटने का सुखद संकेत है।
36 लाख की कार, 3.5 लाख की बाइक
दीपावली के मद्देनजर आटोमोबाइल्स बाजार में उम्मीद से बेहतर रौनक रही। दो दिन के बाजार में 3000 बाइक व 1300 चार पहिया वाहन देखते ही देखते या तो खरीद लिए गए या बुक कर लिए गए। शुक्रवार को बिकने वाली कारों में सबसे महंगी फाच्र्यूनर कार रही। इसकी कीमत 36 लाख रुपये थी। वहीं बाइक की बात करें तो महंगी बाइक का तमगा रायल एनफील्ड इंटरसेप्टर 350 के नाम रहा। विदेश से आयात होने के नाते 3.50 लाख रुपये की कीमत वाली यह सीमित संख्या में ही उपलब्ध रही। एजेंसी संचालकों के मुताबिक बाइक व चार पहिया वाहनों की मांग इतनी रही कि स्टाक कम पड़ गया। इस नाते पिछले साल के मुकाबले केवल 20 फीसद अधिक बिक्री हो पाई। पर्याप्त स्टाक होने पर यह आंकड़ा 40 से 50 फीसद अधिक होता।
इन बाजारों में उमड़ता रहा ग्राहकों का रेला
शहर के प्रमुख बाजार गोदौलिया, दशाश्वमेध, चौक, बुलानाला, मैदागिन, नई सड़क, लक्सा, रथयात्रा, सिगरा, महमूरगंज, लंका, सुंदरपुर, चांदपुर, लहरतारा, लहुराबीर, मलदहिया, पांडेयपुर, आशापुर, अर्दली बाजार, गिलट बाजार में ग्राहकों की ठसाठस भीड़ रही। शाम के बाद तो भीड़ के चलते सड़कों पर निकलना मुश्किल था। वहीं वाहन भी रेंगते नजर आए।
किस बाजार में कितनी हुई धनवर्षा
उत्पाद कारोबार
ड्राइ फ्रूट्स 10 करोड़
रीयल एस्टेट 150 करोड़
आटोमोबाइल्स 200 करोड़
ट्रैक्टर व कृषि यंत्र 35 करोड़
सोने-चांदी के सिक्के 77 करोड़
कास्मेटिक आइटम 02 करोड़
इलेक्ट्रानिक गुड्स 125 करोड़
लगेज 04 करोड़
फर्नीचर 02 करोड़
बर्तन 30 करोड़
मिठाइयां 10 करोड़
आर्टिफिशियल मालाएं 02 करोड़
आर्टिफिशियल ज्वेलरी 03 करोड़
कालीन 70 करोड़
सोने-हीरे के गहने 200 करोड़
चांदी के जेवर-बर्तन 50 करोड़
किराना 20 करोड़
(नोट : यह आंकड़े थोक एवं फुटकर कारोबारियों से बातचीत के बाद अनुमानित हैं)