Varanasi Cantt station प्लेटफार्म नंबर चार व पांच पर लिफ्ट और स्वचालित सीढ़ी यात्रियों को समर्पित
रिमॉडलिंग के तहत वाराणसी कैंट स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर चार और पांच पर प्रस्तावित स्वचालित सीढ़ी और लिफ्ट का निर्माण पूरा हो गया।
वाराणसी, जेएनएन। रिमॉडलिंग के तहत कैंट स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर चार और पांच पर प्रस्तावित स्वचालित सीढ़ी और लिफ्ट का निर्माण पूरा हो गया। इसे स्वतंत्रता दिवस के पूर्व शुक्रवार को यात्रियों के लिए समर्पित कर दिया गया। चार वर्ष पूर्व तत्कालीन रेलराज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने यहां विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास व अनावरण किया था। इसके तहत प्लेटफार्म नंबर चार और पांच पर स्वचालित सीढ़ी और एक लिफ्ट लगाने का भी प्रस्ताव था। लिफ्ट निर्माण में 25 लाख रुपये की लागत आई है, जबकि 80 लाख रुपए के खर्चों में स्वचालित सीढ़ी का निर्माण हुआ है। अब यहां स्वचालित सीढ़ी की संख्या तीन हो गई। वहीं, एक लिफ्ट में भी इजाफा हुआ है।
मुंबई और सिकंदराबाद की राह मुश्किल
लॉकडाउन में फंसे लोगों के काम पर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसका असर मुंबई, सिकंदराबाद और सूरत व अहमदाबाद जाने वाली ट्रेनों में साफतौर से देखा जा सकता है। इस रूट की ट्रेनों में सितंबर के अंतिम सप्ताह तक कंफर्म टिकट मिलने की कोई संभावना नहीं दिख रही है। कामायनी एक्सप्रेस, महानगरी एक्सप्रेस, पटना सिकंदराबाद व ताप्तीगंगा एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेनों में वेटिंग का आंकड़ा दो सौ पार कर चुका है। ट्रेन की जनरल बोगियों में भी बैठने को जगह नहीं बची। कोरोना काल में उमड़ रही भारी भीड़ रेलवे के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
काशी- महाकाल एक्सप्रेस अगले आदेश तक निरस्त
कोरोना काल में संभावित खतरों के चलते आईआरसीटीसी ने अग्रिम आदेश तक काशी- महाकाल एक्सप्रेस को बंद रखने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में आईआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्विनी श्रीवास्तव ने रेलवे हेडक्वार्टर को एक पत्र भी लिखा है। वाराणसी से इंदौर के बीच संचालित देश की दूसरी कॉरपोरेट ट्रेन 82401,02,03 व 82404 कुछ ही दिनों के अंदर काफी लोकप्रिय हो गई थी। लेकिन वैश्विक महामारी के कारण इसे अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा। मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक के अनुसार अग्रिम आदेश तक इस ट्रेन को बंद रखने का निर्णय लिया गया है।