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डेडिकेट फ्रेट कॉरिडोर ने चुनार में तीन घंटे में बनाया 80 मीटर लंबा पुल, मालगाड़ियों को मिलेगी गति

चुनार-चोपन खंड में चुनार एवं विश्वनाथपुरी स्टेशन के मध्य किलोमीटर 242/32-34 पर रेल फ्लाइओवर संख्या 273 के क्रम में 80 मीटर लंबा गर्डर पुल का निर्माण तीन घंटे में किया गया। फ्लाइओवर निर्माण से चुनार-चोपन रेल लाइन और डीएफसी रेल मार्ग की सर्फेस क्रॉसिंग से बचाव हो सकेगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 08:22 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 08:22 PM (IST)
डेडिकेट फ्रेट कॉरिडोर ने चुनार में तीन घंटे में बनाया 80 मीटर लंबा पुल, मालगाड़ियों को मिलेगी गति
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर उच्च गति और उच्च क्षमता वाले विश्वस्तरीय तकनीक के अनुसार बनाया जाने वाला रेलमार्ग है।

जागरण संवाददाता, मीरजापुर। चुनार-चोपन खंड में चुनार एवं विश्वनाथपुरी स्टेशन के मध्य किलोमीटर 242/32-34 पर रेल फ्लाइओवर संख्या 273 के क्रम में 80 मीटर लंबा गर्डर पुल का निर्माण तीन घंटे में किया गया। फ्लाइओवर निर्माण से उत्तर मध्य रेलवे के चुनार-चोपन रेल लाइन और डीएफसी रेल मार्ग की सर्फेस क्रॉसिंग से बचाव हो सकेगा। साथ ही दोनों मार्गों पर निर्बाध रेल परिचालन सुनिश्चित हो सकेगा। उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज के पीआरओ अमित मालवीय ने बताया कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर उच्च गति और उच्च क्षमता वाले विश्वस्तरीय तकनीक के अनुसार बनाया जाने वाला रेलमार्ग है। इसे विशेष तौर पर माल एवं वस्तुओं के परिवहन के लिए बनाया जा रहा है। डीएफसी में बेहतर बुनियादी ढांचे और साथ ही अत्याधुनिक प्राैद्योगिकी का एकीकरण शामिल है।

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निरीक्षण के दौरान डेडिकेटेड फ्रेट कॉर्रिडोर के भाऊपुर से पीडीडीयू स्टेशन के प्रोजेक्ट चीफ जनरल मैनेजर ओमप्रकाश ने बताया कि यह ब्रिज 520 टन का है जो 80 मीटर लंबा है, इसे मात्र तीन घंटे में बना के तैयार किया गया है। इस ब्रिज से होकर प्रयागराज से पीडीडीयू एवं चोपन होते हुए झारखंड को जाने वाली मालगाड़ियों को गति मिलेगी। जिन मालगाड़ियों को प्रयागराज के रास्ते पीडीडीयू स्टेशन की ओर से बिहार जाना हो तो वह इस ब्रिज के ऊपर से जाएंगी एवं चोपन होते हुए झारखंड जाना होगा वो इस ब्रिज के नीचे से मालगाड़़ी जाएंगी। इससे मालगाड़ियों को गति मिलेगी और देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। इस मौके पर जीएमआर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीव कुमार, परियोजना निदेशक राजसिंह टाक, परियोजना प्रबंधक देवेंद्र कुमार शर्मा एवं मुख्य परियोजना प्रबंधक पूर्णानंद झा मौजूद रहे।


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