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Jaunpur के अस्थाई जेल में रखे गए तब्लीगी जमात के प्रमुख की मौत, हृदयगति रुकने की वजह

जौनपुर में लाइन बाजार थाना क्षेत्र के प्रसाद कालेज में बनाई गई अस्थाई जेल में निरुद्ध तब्लीगी जमात के जिला प्रमुख नसीम अहमद (64) की मंगलवार की रात मौत हो गई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 05:54 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 05:54 PM (IST)
Jaunpur के अस्थाई जेल में रखे गए तब्लीगी जमात के प्रमुख की मौत, हृदयगति रुकने की वजह
Jaunpur के अस्थाई जेल में रखे गए तब्लीगी जमात के प्रमुख की मौत, हृदयगति रुकने की वजह

जौनपुर, जेएनएन। लाइन बाजार थाना क्षेत्र के प्रसाद कालेज में बनाई गई अस्थाई जेल में निरुद्ध तब्लीगी जमात के जिला प्रमुख नसीम अहमद (64) की मंगलवार की रात मौत हो गई। मौत की वजह प्रशासन हृदयगति रुकना बता रहा है। बुधवार की सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव दफनाने के लिए स्वजनों को सिपुर्द कर दिया गया।

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दिल्ली निजामुद्दीन से जमात से लौटे लोगों के साथ पुलिस ने जिले में छिपे होने पर दो अप्रैल को जमातियों के साथ नसीम अहमद को भी गिरफ्तार किया था। इस दौरान नसीम के विरुद्ध कई संगीन धाराओं में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने उन्हें अन्य जमातियों के साथ पहले शिया कालेज में क्वारंटाइन के लिए रखा। जहां से बाद में प्रसाद कालेज भेज दिया गया। यह हार्ट की बीमारी से ग्रसित थे। इस दौरान नसीम का कोरोना वायरस संक्रमण जांच के लिए नमूना भेजा गया।

दो बार रिपोर्ट निगेटिव आने के पश्चात प्रसाद कालेज में बने अस्थाई जेल में निरुद्ध कर दिया था

दो बार रिपोर्ट निगेटिव आने के पश्चात प्रशासन ने उन्हें प्रसाद कालेज में बने अस्थाई जेल में निरुद्ध कर दिया था। गत 28 अप्रैल को तबियत बिगडऩे पर प्रशासन ने इलाज के लिए बीएचयू वाराणसी भेजा था। ठीक होने पर पुन: अस्थाई जेल में भेज दिया गया। दोबारा तबियत बिगडऩे होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। वहां से भी इलाज के बाद छुट्टी हो जाने पर अस्थाई जेल में रखा गया था। मंगलवार को आधी रात के बाद जेल में उनकी तबियत पुन: अचानक खराब हो गई। आनन-फानन जिला अस्पताल ले जाया गया। डाक्टरों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। नसीम के भाई तुफैल का आरोप है कि भाई हृदय की बीमारी से ग्रसित थे। पीजीआइ से दवा चल रही थी। कई बार प्रशासन से आग्रह किया गया कि घर जाने दें इसके बदले जो भी जमानत कहें मैं दे दूं। फिर भी मेरी नहीं सूनी गई।


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